चुनावी वर्ष में हड़ताल का मौसम

नवादा (नगर): चुनावी वर्ष में सरकार पर दबाव बनाने के लिए सरकारी कर्मियों द्वारा हड़ताल से लेकर प्रदर्शन तक का रास्ता अपनाया जा रहा है. नियमित के साथ ही संविदा व नियोजित कर्मचारी अपनी मांगों को मनवाने के लिए संघर्ष का रास्त अपना लिये है. फिलहाल दर्जन भर से अधिक कर्मचारी व पदाधिकारियों के संगठन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 10:08 AM
नवादा (नगर): चुनावी वर्ष में सरकार पर दबाव बनाने के लिए सरकारी कर्मियों द्वारा हड़ताल से लेकर प्रदर्शन तक का रास्ता अपनाया जा रहा है. नियमित के साथ ही संविदा व नियोजित कर्मचारी अपनी मांगों को मनवाने के लिए संघर्ष का रास्त अपना लिये है. फिलहाल दर्जन भर से अधिक कर्मचारी व पदाधिकारियों के संगठन अपने-अपने कामों को ठप करके आंदोलन की राह पकड़े हुए है.
कई संगठनों ने सशर्त हड़ताल वापस लिया है, तो कुछ हड़ताल पर जाने की घोषणा करने वाले हैं. गृह रक्षा वाहिनी के होमगार्ड 19 दिनों से समाहरणालय के आगे धरने पर बैठे है. जिला प्रशासन के अधिकारी प्रमोशन के लिए काला बिल्ला लगा कर विरोध जता चुके हैं. किसान सलाहकार, स्वास्थ्य कर्मी होमगार्ड डाटा ऑपरेटर सहित कई कर्मचारी संघ हैं, जो मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे है. एक जुलाई को रिपोर्ट के बाद नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिये जाने का आश्वासन देकर शिक्षकों की हड़ताल स्थगित करायी गयी है.
यदि एक जुलाई को वेतनमान की घोषणा नहीं होती है, तो दूसरे दौर का शिक्षक हड़ताल फिर देखने को मिला सकता है. सरकार पर दबाव बनाने की कर्मियों व पदाधिकारी संघ की यह रणनीति कितना सफल होगी. यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन हड़ताल से आम लोगों का नुकसान जरूर हो रहा है.

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