भाजपा के पास न तो नेता, न ही नीति और नीयत. : नीतीश कुमार

नवादा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा नीत राजग में उनसे मुकाबला नहीं करने का दम होने का दावा करते हुए आज कहा कि उनके पैर के नीचे से जमीन खिसक चुकी है, इसलिए झगडा कराना चाह रही है. नीतीश ने आज ट्विट करके कहा कि भाजपा के पास न तो नेता है, न ही नीति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2015 8:14 PM
नवादा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा नीत राजग में उनसे मुकाबला नहीं करने का दम होने का दावा करते हुए आज कहा कि उनके पैर के नीचे से जमीन खिसक चुकी है, इसलिए झगडा कराना चाह रही है.
नीतीश ने आज ट्विट करके कहा कि भाजपा के पास न तो नेता है, न ही नीति और नीयत है. इसलिए वह केवल झंझट और झगडा कराने के फिराक में लगी हुई है और उसे मोदी (नरेंद्र मोदी) के शब्दाडम्बर से ढकने में लगी हुई है. नीतीश का इशारा उत्तर प्रदेश के बिशादा गांव में कथित तौर पर ‘बीफ’ खाने को लेकर एक व्यक्ति की हत्या की ओर था.
नवादा जिला में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि दशहरा और मुहर्रम पर्व एक साथ आ रहा है. ऐसे में वे लोगों से हाथ जोडकर विनम्र प्रार्थना करेंगे कि आपसी सद्भावना और प्रेम के भाव को बनाए रखिएगा, चाहे कोई जितना भी उकसावे वाली कार्रवाई करे.केंद्र की वर्तमान नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार की इशारा करते हुए उन्होंने अपने 16 महीने के कार्यकाल के दौरान कुछ नहीं किया जनता उन पर विश्वास नहीं करेगी, इसलिए आपस में झगडा लगाकर, भावना भडकाकर वे अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं.
उन्होंने भाजपा नीत राजग गठबंधन में मेल नहीं होने का दावा करते हुए उक्त गठबंधन के नेता एक-दूसरे पर सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं. नीतीश ने कहा कि राजग में शामिल एक दल के नेता दूसरे दल के नेता के बारे टिप्पणी की है कि ऐसा पेड है, न छाया है और न ही उसमें फल है और भाजपा का तो और भी बुरा हाल है.
नीतीश ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बहुत लोग भाजपा की ओर आकर्षित हो गए थे और कई लोग उस दल में शामिल हुए. उन्होंने पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो राजनीति में नहीं थे वे भी भाजपा में शामिल हो गए थे और वैसे ही लोगों में आरा के निवर्तमान सांसद शामिल हैं जिन्होंने टिकट वितरण के बाद बयान दिया कि भाजपा में गलत लोगों को टिकट दिया गया.
नीतीश ने कहा कि भाजपा के लोग भारतीय संस्कृति की दुहाई देते हैं पर उसकी मौलिक बात है अपने बुजुर्गों और बडों का सम्मान करना है, लेकिन कैसा सम्मान कर रहे हैं वह जगजाहिर है. उन्होंने कहा कि बिहार में उनके सबसे बडे बुजुर्ग और जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे कैलाशपति मिश्र के जीवनकाल के दौरान उनकी पुत्रवधु को चुनाव में उम्मीदवार बनाया और उनके देहांत के बाद उनकी पुत्रवधु का भी टिकट काट दिया.
नीतीश ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में वर्ष 2005 में उनके मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रमोहन राय का जिक्र और उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनको भी किनारा कर दिया. उन्होंने पाटलिपुत्र से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले भाजपा की सभा में कोई भाषण सुनने नहीं आता था तब उनकी सभा कराते थे और उनके नाम पर भीड जुटती थी और उसके नेता बगल से दो-चार लाईन भाषण दे देते थे। बिहारी बाबू को किनारे कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को ‘कोल्ड स्टोरेज’ में डाल दिया गया है. उन्होंने भूमि अधिग्रहण बिल का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव के डर से केंद्र द्वारा किसानों से जमीन छीनने वाले अपने बिल को वापस लिया और अगर इस प्रदेश में ताकत मिल जाएगी तो दिमाग सातवें आसमान पर पहंुच जाएगा तथा जमीन छीनने वाला कानून फिर आ जाएगा. नीतीश ने आरोप लगाया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव पूर्व विदेशों से कालाधन लाकर हर गरीब के खातों में 15 लाख रुपया जमा करने का वादा किया था, पर वह वादा कहां गया इसका पता नहीं है.

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