सिरदला में पेय जल संकट
सिरदला में पेय जल संकट जयप्रकाश नगर में मात्र एक चापाकल की सुविधाग्रामीण कुआं खोद कर पी रहे पानी पहाड़ी क्षेत्र में चापाकल व कुआं दोनों सूखे प्रतिनिधि, सिरदलाप्रखंड के कई गांवों में पानी की किल्लत हो गयी हैं. जल स्तर में गिरावट व सरकारी चापाकलों की गड़बड़ी के कारण पानी की समस्या होती हैं. […]
सिरदला में पेय जल संकट जयप्रकाश नगर में मात्र एक चापाकल की सुविधाग्रामीण कुआं खोद कर पी रहे पानी पहाड़ी क्षेत्र में चापाकल व कुआं दोनों सूखे प्रतिनिधि, सिरदलाप्रखंड के कई गांवों में पानी की किल्लत हो गयी हैं. जल स्तर में गिरावट व सरकारी चापाकलों की गड़बड़ी के कारण पानी की समस्या होती हैं. सरकारी स्तर पर विभिन्न मद से सार्वजनिक स्थानों पर लगाये गये चापाकलों में अधिकतर की हालत खराब हैं. पानी के पहले लेयर पर ही पाइप डालकर किसी प्रकार चापाकल चालू कर दिया जाता हैं. गरमी में इन चापाकलों से पानी गिरना बंद हो जाता हैं. प्रखंड के दक्षिणी भाग में बसे गांवों में पेयजल की समस्या अधिक है. पहाड़ी क्षेत्र होने कारण कुएं व चापाकल दोनों सुख गयेे हैं. ग्रामीण नदी में कुआं खोद कर पानी निकाल कर अपना प्यास बुझाते हैं. ऐसे गांवो में कारिगिद्धी, मढी, रामरायचक, एकंबा, बनीयाडीह, बकड़झोली, जिरवातरी, बहादूरपुर, भीतिया, मोहनाकेवाल आदि दर्जनों गांव शामिल हैं. कई गांव में बेकार पड़े हैं. इधर, प्रखंड के जयप्रकाश नगर, कोलडीहा, सिरदला, भरसंडा, लौंद, बरदाहा, भटबिगहा आदि कई गांवों में दर्जनों चापाकल खराब हैं. इनका उपयोग जानवरों को बांधने में किया जा रहा हैं, तो कहीं बच्चों के मनोरंजन का साधन बन गया हैं. जयप्रकाश नगर गांव के लोगों ने बताया कि गांव की आबादी करीब चार सौ से अधिक हैं. गांव में तीन सरकारी चापाकल हैं. इसमें मात्र एक चापाकल चालू हैं. कोलडीहा में मिठे पानी के लिए लोगों को दूर से पानी मंगवाना पड़ता हैं. यहां भी कई चापाकल खराब हैं. पंचायत प्रतिनिधियों को कहना हैं कि चापाकल गाड़ने के लिए 12 हजार से 16 हजार रुपये का आंवटन होता हैं. इतने कम रुपये में पहाड़ी स्थानों पर चापाकल गाड़ना संभव नहीं हैं. पीएचइडी के को -ऑर्डिनेटर सतीश कुमार का कहना है कि समय समय पर अभियान चलाकर खराब चापाकलों की मरम्मत की जाती हैं. खराब चापाकलों की सूची तैयार कर इसे शीघ्र मरम्मत की जायेगी.