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फर्राटे से दौड़ रहीं 15 वर्ष पुरानी वाहनें

फर्राटे से दौड़ रहीं 15 वर्ष पुरानी वाहनें परिवहन विभाग में नोटिस के बाद भी पुन: रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे वाहन मालिकफोटो-13प्रतिनिधि, नवादा कार्यालयजिले में 15 वर्ष से अधिक पुरानी वाहनें सड़कों पर फर्राटे से दौड़ रही हैं. ऐसे वाहनों का इंश्योरेंस, टैक्स व रजिस्ट्रेशन की अवधी भी समाप्त हो गयी है. इसके बावजूद वाहन […]

फर्राटे से दौड़ रहीं 15 वर्ष पुरानी वाहनें परिवहन विभाग में नोटिस के बाद भी पुन: रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे वाहन मालिकफोटो-13प्रतिनिधि, नवादा कार्यालयजिले में 15 वर्ष से अधिक पुरानी वाहनें सड़कों पर फर्राटे से दौड़ रही हैं. ऐसे वाहनों का इंश्योरेंस, टैक्स व रजिस्ट्रेशन की अवधी भी समाप्त हो गयी है. इसके बावजूद वाहन मालिक पुराने वाहनों को बगैर फिटनेस कराये सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है. ऐसे वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. 15 वर्ष पुरानी वाहनों में दोपहिया वाहनों के साथ-साथ कई चार पहिया और ट्रैक्टर भी शामिल हैं. परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, जिले में दो सौ से अधिक ऐसे पुराने वाहन सड़कों पर फर्राटे से दौड़ रहे है. विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन के अनुसार, वाहन मालिकों को 15 वर्ष पुरानी वाहनों का फिटनेस करवा कर फिर से पांच वर्षों के लिए टैक्स पेड कर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए नोटिस भेजा गया है. परंतु, इक्के-दुक्के वाहन मालिकों को छोड़ कर अधिकतर वाहन मालिक वाहनों का पुन: रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे हैं. ऐसे में विभाग का दायित्व बनता है कि शहर और लोगों के लिए प्रतिकूल बने 15 वर्ष पुरानी वाहनों को जब्त कर उसे खटारा में नीलाम करें. फिटनेस सही पाये जाने पर वाहनों का पुन: रजिस्ट्रेशन पांच सालों के लिए ही किया जाना है. वाहनों में लगे इंजन व अन्य मशीनरी की लाईफ 15 वर्ष ही होती है. 15 वर्ष के बाद ऐसे इंजन व मशीनरी वाहन मालिकों के लिए भी घातक सिद्ध हो सकते हैं. कभी भी ऐसे वाहन दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं. वाहन निरीक्षक द्वारा ऐसे वाहनों का निरीक्षक कर फिटनेस प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है. इसके बाद ही पांच सालों के लिए सड़कों पर चलने का लाइसेंस दिया जाता है. चिकित्सकों का कहना है कि वातावरण में दिन प्रतिदिन कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में पुरानी गाड़ियों से निकलते धुएं लोगों के स्वास्थय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं. ऐसे वाहनों को जब्त कर कबाड़खाने में ही बेच देना चाहिए. विभाग की ओर से दिसंबर महीने से 15 वर्ष पुरानी वाहनों की धड़-पकड़ अभियान शुरू किया जायेगा. फिटनेस में सही पाये जाने पर उन्हें फिर से लाइसेंस उपलब्ध कराया जायेगा. बोले वाहन मालिक 15 वर्ष पुरानी वाहनों का मेडिकल फिटनेस कराने के लिए विभाग में काफी चक्कर लगानी पड़ती है. फिटनेस के नाम पर एमवीआइ द्वारा तीन हजार रुपये की मांग की जाती है. ऐसे लफड़ों से बचने के लिए 15 वर्ष पुरानी वाहनों के मालिक द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना ही उचित समझते हैं. राजेश कुमार, न्यू एरिया नवादाकिया जा रहा रजिस्ट्रेशन पुरानी वाहनों को जांच करने का जिम्मा एमवीआइ का है. जांच के उपरांत फिटनेस मिलने वाले वाहनों का पुन: रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. पुराने वाहनो का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले वाहनों को जब्त कर मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.ब्रजेश कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारीशुरू होगी धड़-पकड़ पुरानी वाहनों की सूची मिलने के उपरांत वाहनों की धड़-पकड़ शुरू की जायेगी. फिटनेस कराने के बाद ही वाहनों का पुन: रजिस्ट्रेशन हो पायेगा. खटारा हो चुके वाहनों को सङक से उतार दिया जायेगा.सुजीत कुमार, वाहन निरीक्षक अधिकारी

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