आंगनबाड़ी में बंटे पोशाक के रुपये
नवादा (नगर) : जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में डीएम मनोज कुमार के निर्देश के बाद मंगलवार को बच्चों के बीच पोशाक के रुपये का वितरण किया गया. आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों को पोशाक के लिए 250 रुपये दिये गये. सीडीपीओ ने ननौरा पंचायत में पोशाक के रुपये वितरण का निरीक्षण किया. शहर के […]
नवादा (नगर) : जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में डीएम मनोज कुमार के निर्देश के बाद मंगलवार को बच्चों के बीच पोशाक के रुपये का वितरण किया गया. आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों को पोशाक के लिए 250 रुपये दिये गये. सीडीपीओ ने ननौरा पंचायत में पोशाक के रुपये वितरण का निरीक्षण किया. शहर के कई अन्य केंद्रों पर भी बच्चों के बीच रुपये वितरण हुआ.
गौरतलब है कि डीएम ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में एक साथ पोशाक राशि वितरण करने का आदेश दिया था. इसी को लेकर सभी केंद्रों पर रौनक देखी गयी. पंपू कल रोड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर सेविका संगीता गुप्ता व सहायिका सुशीला कुमारी ने केंद्र में पढ़ने वाले सभी 40 बच्चों के बीच 250-250 रुपये का वितरण किया. समाजसेवी कुसुम देवी की अध्यक्षता में वितरण किया गया.
पकरीबरावां प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड के डुमरावां के आरकेवी इंटर कॉलेज में समारोह आयोजित कर पोशाक व नैपकीन के रुपये बांटे गये. समारोह का उद्घाटन पकरीबरावां प्रखंड प्रमुख किरण देवी ने की. विद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रेमजीत कुमार ने बताया कि कॉलेज के 168 छात्रों के बीच पोशाक के रुपये बांटे गये. इसमें पोषाक राशि के एक हजार व नैपकीन के 150 रुपये प्रति छात्राओं को दिया गया.
इंटर विद्यालय तक जाने वाली मार्ग को बनाने के आग्रह को स्वीकार करते हुए प्रमुख किरण देवी ने कहा कि इसी वितीय वर्ष में पथ के साथ-साथ पेयजल के लिए एक पहाड़ी चापाकल भी लगाया जायेगा. मौके पर विद्यालय के शिक्षक प्रो धर्मेंद्र कुमार, रामाधीन प्रसाद, राकेश कुमार, प्रो अजय कुमार, जमालउद्वीन आदि मौजूद थे.
रजौली प्रतिनिधि के अनुसार, क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़नेवाले बच्चों को मंगलवार को पोशाक के रुपये दिये. जानकारी के अनुसार, प्रत्येक केंद्र पर स्कूल पूर्व शिक्षा के कुल 40 बच्चों को 250 रुपये की दर से राशि दी गयी. रुपये वितरण के मौके पर घसियाडीह केंद्र की सेविका सुनीता कुमारी ने बताया कि पहले भी कई बार पोशाक के रुपये का वितरण किया गया. पर, अधिकतर बच्चों के अभिभावक ने अपने बच्चों को पोशाक नहीं सिलाते हैं.
इससे बच्चे बिना पोषाक के ही केंद्र पर प्रतिदिन पहुंच जाते हैं. ऐसे अभिभावकों को कड़ी चेतावनी देते हुए हर हाल में अपने-अपने बच्चों को पोशाक लेने या सिलाई करवा लेने को कहा गया है.