एक कमरे में पढ़ रहे 575 बच्चे

एक कमरे में पढ़ रहे 575 बच्चे कार्यालय के रूप में हो रहा दूसरे कमरे का इस्तेमाल महंत गणेश पुरी उच्च विद्यालय ढोढ़ा में सुविधाओं की कमीफोटो-12प्रतिनिधि, धमौलदो कमरों के भवन वाले महंत गणेश पुरी उच्च विद्यालय ढोढ़ा में 585 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं. स्कूल में नौवीं में 303 व 10वीं में 272 स्टूडेंट्स हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2015 7:49 PM

एक कमरे में पढ़ रहे 575 बच्चे कार्यालय के रूप में हो रहा दूसरे कमरे का इस्तेमाल महंत गणेश पुरी उच्च विद्यालय ढोढ़ा में सुविधाओं की कमीफोटो-12प्रतिनिधि, धमौलदो कमरों के भवन वाले महंत गणेश पुरी उच्च विद्यालय ढोढ़ा में 585 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं. स्कूल में नौवीं में 303 व 10वीं में 272 स्टूडेंट्स हैं. इस स्कूल में भवन तो दो हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई के लिए एक ही कमरा है. दूसरे कमरे का इस्तेमाल कार्यालय के रूप में होता है. एक कमरे में सभी बच्चों के नहीं बैठ पाने की वजह से शिक्षक मजबूरी में पास के खुले मैदान में बैठा कर पढ़ाते हैं. हालांकि, खुले में बैठ कर पढ़ने का असर बच्चों की उपस्थिति पर भी पड़ता कई बार बच्चे स्कूल ही नहीं आते हैं. हालांकि, सरकारी योजनाओं को प्राप्त करने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दिये जाने के कारण बच्चों काे बाहर बैठ कर पढ़ाइर् करने की मजबूरी बनी रहती है. इस स्कूल में भवन के साथ ही अन्य संसाधनों का भी अभाव है. इसके कारण लोग विद्यालयों पर निर्भर रहने की अपेक्षा कोचिंग संचालकों की शरण में पहुंच गये हैं. जानकारी मिली कि वर्ष 2008 में भवन के निर्माण के लिए 39.5 लाख रुपये आये थे. गांव के लोगों की माने तो विद्यालय के प्रभारी नेयाज अहमद की लापरवाही व अनदेखी के कारण यह रुपये लौट गये. इसके कारण भवन का निर्माण कार्य नहीं हो सका. बोले ग्रामीण स्कूल का एक भवन वर्ष 2004 में भी बनाया जा रहा था. तब सम विकास योजना के तहत काम कराया जा रहा था़ तीन कमरे का निर्माण कराया जाना था. लेकिन, बिना ढलाई का ही रह गया. यह भवन किसी काम का नहीं है.मनोज कुमार, शिक्षक भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध है. लेकिन, प्रभारी प्रधान शिक्षक की लापरवाही के कारण भवन का निर्माण नहीं हो सका. रुपये भी लौट गये. कमरों की कमी का असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है.संजय साव, ढोढ़ा बोले प्रभारी शिक्षक 26 लाख रुपये भवन निर्माण के लिए व 13.5 लाख रुपये उपस्कर के लिए आया था. जमीन नहीं होने के कारण रुपये लौटा दिया गया है. जमीन की उपलब्धता पर ही रुपये का सदुपयोग संभव है. अर्द्धनिर्मित भवन के बारे में विभाग को सूचना दिया गया है. यह पुरानी योजना है. मोहम्मद नेयाज अहमद, प्रभारी प्रधान शिक्षक

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