बड़की भौजी गे अब नै होतौ हमरा से बरदाश्त

बड़की भौजी गे अब नै होतौ हमरा से बरदाश्त फोटो- 14रोह मुंह के बात मुंहें रह गेलौ पड़ गेलौ मुकबास, बड़की भौजी गे अब नै होतौ हमरा से बरदाश्त,उक्त पंक्ति असहिष्णुता विषय पर आयोजित संगोष्ठी के दूसरे चरण में आयोजित कवि सम्मेलन का विषय प्रवेश कवि नरेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने झूमर के माध्यम से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 8:43 PM

बड़की भौजी गे अब नै होतौ हमरा से बरदाश्त फोटो- 14रोह मुंह के बात मुंहें रह गेलौ पड़ गेलौ मुकबास, बड़की भौजी गे अब नै होतौ हमरा से बरदाश्त,उक्त पंक्ति असहिष्णुता विषय पर आयोजित संगोष्ठी के दूसरे चरण में आयोजित कवि सम्मेलन का विषय प्रवेश कवि नरेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने झूमर के माध्यम से किया. इसके बाद एक से बढ़ कर एक कविता का पाठ कवियों ने किया. दर्शकों को खूब वाहवाही लूटी. अविनाश कुमार निराला की कविता श्मशान जहां आम लोगों के मानस पटल पर छा गया. नेता जी कविता आज के असहिष्णुता पर करारा प्रहार किया. इसके अलावा प्रो अवधकिशोर पांडेय की धनकटनी पर आधारित कविता लोगों का खूब मनोरंजन किया. अशओक समदर्षी व विकास पांडेय की कविता भी लोगों को खूब पंसद आया. इसके अलावा दशरथ प्रसाद साहू आदि कविता को भी लोगों ने सराहा. मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.

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