योजनाओं के रुपये में घालमेल

योजनाओं के रुपये में घालमेल मेसकौर. सरकारी स्कूलों में योजना राशि गटकने का खेल चल रहा है. सरकारी स्कूलों में आने वाली जितनी भी योजनाएं हैं, उन्में लूटखसोट मची है. चाहे वह पोशाक योजना हो चाहे छात्रवृत्ति योजना. भवन निर्माण हो चाहे साइकिल योजना. सबमें जम कर रुपये की लूट हो रही है. सबसे पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2015 6:52 PM

योजनाओं के रुपये में घालमेल मेसकौर. सरकारी स्कूलों में योजना राशि गटकने का खेल चल रहा है. सरकारी स्कूलों में आने वाली जितनी भी योजनाएं हैं, उन्में लूटखसोट मची है. चाहे वह पोशाक योजना हो चाहे छात्रवृत्ति योजना. भवन निर्माण हो चाहे साइकिल योजना. सबमें जम कर रुपये की लूट हो रही है. सबसे पहले पोषाहार ही ले लिया जाये. सरकारी विद्यालयों में आने वाले छात्र छात्राओं से अधिक की उपस्थिति बनायी जाती है. ऐसा इस लिए किया जाता है कि सरकार के माध्यम से स्कूलों में चल रहे एमडीएम, पोशाक, छात्रवृति व साइकिल के रुपये की निकासी की जाये. कई ऐसे भी बच्चे नामित किये गये हैं, जो कभी स्कूल का मूंह तक नहीं देखा हो. लेकिन, नामांकन रहने व शिक्षकों की मेहरबानी के कारण उन्हें सामान्य छात्र की तरह योजनाओं का लाभ मिला. प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे का नाम भी योजनाओं के लाभ लेने के लिए बढ़-चढ़कर जोड़ा गया.

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