आंगनबाड़ी भवन का हाल जर्जर गोविंदपुर. प्रखंड में बाल विकास परियोजना की स्थिति ठीक नहीं है. विभाग परियोजना से जुड़े केंद्रों के विकास को कार्यशील नहीं दिख रहा है. दर्शन गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-सात का भवन पूरी तरह से बेकार हो गया है. भवन जर्जर रहने के कारण छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाई में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इनके अभिभावकों में भवन के कभी भी गिरने की आशंका बनी रहती है. भवन के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्रखंड की सीडीपीओ को कई बार लिखित रूप में दिया गया है. लेकिन, आज तक विभाग द्वरा क्षतिग्रस्त भवन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसके कारण भवन गिरने के कगार पर है. इस केंद्र पर शौचालय भी नहीं है. चापाकल वर्ष 2013 से ही बंद पड़ा है. इससे छोटे बच्चों को पानी पीने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. पानी पीने के लिए बच्चों को केंद्र से लगभग 50 मीटर की दूरी पर जाना पड़ता है. सुविधाओं की कमी का असर यहां काम करनेवाली कर्मियों पर भी पड़ता है. अभिभावक कविता देवी, मुकेश यादव, सुनैना देवी आदि लोगों ने भी बताया कि केंद्र की स्थिति ठीक नहीं है. पुराना व जर्जर भवन हो जाने के कारण इसके गिरने का खतरा बना रहता है. हमेशा बच्चों की चिंता बनी रहती है. इस संबंध में सेविका गीता कुमारी ने बताया कि इस संबंध में संबंधित विभाग को कई बार लिखा गया है. सीडीपीओ सहित विभाग के बड़े अधिकारियों को भी केंद्र की कमियों के बारे में बताया गया है.
आंगनबाड़ी भवन का हाल जर्जर
आंगनबाड़ी भवन का हाल जर्जर गोविंदपुर. प्रखंड में बाल विकास परियोजना की स्थिति ठीक नहीं है. विभाग परियोजना से जुड़े केंद्रों के विकास को कार्यशील नहीं दिख रहा है. दर्शन गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-सात का भवन पूरी तरह से बेकार हो गया है. भवन जर्जर रहने के कारण छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाई में काफी […]
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