थैले में कार्यालय, कागज पर वद्यिालय
थैले में कार्यालय, कागज पर विद्यालयफोटो -3हाल नवसृजित प्राथमिक विद्यालय तरहरा का गांववालों की शिकायत कभी-कभार ही स्कूल आते हैं शिक्षक नहीं बता मध्याह्न भोजन भी प्रतिनिधि, पकरीबरावां प्रखंड के बुधौली पंचायत के तरहरा गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में पठन पाठन की स्थिति काफी खराब है. इस स्कूल में 135 नामांकित बच्चों को पढ़ाने […]
थैले में कार्यालय, कागज पर विद्यालयफोटो -3हाल नवसृजित प्राथमिक विद्यालय तरहरा का गांववालों की शिकायत कभी-कभार ही स्कूल आते हैं शिक्षक नहीं बता मध्याह्न भोजन भी प्रतिनिधि, पकरीबरावां प्रखंड के बुधौली पंचायत के तरहरा गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में पठन पाठन की स्थिति काफी खराब है. इस स्कूल में 135 नामांकित बच्चों को पढ़ाने के लिए छह शिक्षक पदस्थापित हैं. लेकिन जो जानकारी मिली है उसके अनुसार यहां एक भी कक्षाएं नहीं लगती है. गांववालों के अनुसार, केवल झंडोत्तोलन करने ही शिक्षक आते हैं. इस स्कूल में एमडीएम भी नहीं बनता है़ लोगों की शिकायत है कि 2010 में स्कूल की स्थापना के बाद कभी भी शिक्षक स्कूल नहीं आये हैं. अब तक कोई अधिकारी भी हाल जानने नहीं पहुंचा है. तरहरा नवसृजित विद्यालय में शिक्षक कभी-कभार आते हैं और ताड़ के पेड़ के निचे बैठ घंटे-दो घंटे बाद चले जाते हैं. तरहरा के इस नवसृजित गांव में बच्चों के बैठने के लिए क्लास रूप है ने शिक्षकों के लिए कमरा. मध्याह्न भोजन की स्थिति ऐसी है कि आज तक बच्चे स्वाद भी नहीं चख पाये हैं. विद्यालय के प्रधान अनिल कुमार फिलहाल बीआरसी में पदस्थापित हैं. इनके स्थान पर स्कूल का प्रभार रिया राय के पास है. शिक्षकों को आराम होने के लिए एक कारण यह भी है कि इस स्कूल तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है. इधर, विद्यालय प्रधान के अनुसार, मध्याह्न भोजन प्रतिदिन विद्यालय में बनता है. परंतु, ग्रामीणों व अभिभावकों की माने, तो न तो शिक्षक आते हैं और न ही मध्याह्न भोजन बनता है. लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि 15 अगस्त को झंडा फहराने के बाद आज तक कोई शिक्षक गांव नहीं आये हैं. कभी-कभार दो-तीन महीने पर आते हैं. भोजन बनने के लिए गांव के बाहर खलिहान में एक चूल्हा गांव के लोगों के सहयोग से बनाया गया है, लेकिन चूल्हे कि स्थिति को देख कर लगता है आज तक उस पर कभी खाना बना ही नहीं. इस संबंध में प्रधानाध्यापक अनिल कुमार ने बताया कि लोगों की शिकायत जायज नहीं है़ स्कूल नियमित चलता है़ स्कूल में भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध है. परंतु, रुपये की कमी के कारण निर्माण नहीं हो पा रहा है. इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है.