संसार को सुखमय बनाने के लिए संतमत समाज कर रहा काम
संसार को सुखमय बनाने के लिए संतमत समाज कर रहा काम शोभायात्रा के साथ दो दिवसीय ज्ञान यज्ञ शुरू 19 व 20 जनवरी को हरिद्वार से आये संत करेंगे प्रवचनशोभायात्रा में संथाली कलाकारों के दल ने लोगों का मनमोहाफोटो-8प्रतिनिधि, नवादा (नगर)राष्ट्रीय संतमत सत्संग का दो दिवसीय विराट आयोजन जिला मुख्यालय में किया जा रहा है. […]
संसार को सुखमय बनाने के लिए संतमत समाज कर रहा काम शोभायात्रा के साथ दो दिवसीय ज्ञान यज्ञ शुरू 19 व 20 जनवरी को हरिद्वार से आये संत करेंगे प्रवचनशोभायात्रा में संथाली कलाकारों के दल ने लोगों का मनमोहाफोटो-8प्रतिनिधि, नवादा (नगर)राष्ट्रीय संतमत सत्संग का दो दिवसीय विराट आयोजन जिला मुख्यालय में किया जा रहा है. सोमवार को इसके लिए संत मेंही आश्रम गोणावां मठ से शोभायात्रा निकाली गयी. आकर्षक रूप से सजे रथ पर संतमत समाज के सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की तसवीर रखी गयी थी. दूसरे रथ पर हरिद्वार से आये महर्षि स्वामी व्यास नंद विराजमान रहे. शहर के विभिन्न मार्गों से शोभायात्रा निकाली गयी. झारखंड से आये संथाली कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किये गये नृत्य ने सभी को खूब प्रभावित किया. परंपरागत परिधान में सजे संथाली महिला व पुरुष कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य शोभायात्रा में आकर्षण का केंद्र बना रहा. शोभायात्रा भगत सिंह चौक, थाना रोड, विजय बाजार, अस्पताल रोड, स्टेशन रोड, सोनार पट्टी रोड, मेन रोड, प्रसाद बिगहा होते हुए रामनगर कोर्ट के पीछे स्थित ज्ञान यज्ञ स्थल पर जाकर समाप्त हुआ. महर्षि मेंही आश्रम द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संतमत सत्संग के दो दिवसीय ज्ञान यज्ञ कार्यक्रम में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. विश्व में सुख शांति लाने ईश्वर के प्रति प्रेम भाव जगाने, संसार कैसे सुखमय हो, घृणा, द्वेष, हिंसा, जैसे ज्वलनत समस्याएं कैसे दूर होगी. जीवन में शांति पाने के लिए ज्ञान यज्ञ में मार्ग दिखाया जायेगा. हरिद्वार से आये संत स्वामी व्यास नंद जी महाराज द्वारा प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. सुबह छह बजे से व दोपहर दो बजे से सदग्रंथ पाठ व प्रवचन का कार्यक्रम होगा. कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक विजय जलोटा द्वारा भजन आरती प्रस्तुत किया जायेगा. कार्यक्रम को सफल बनाने में सचिव उमा पंडित, परमेंद्र कुमार, सनील कुमार, गोपाल प्रसाद, राजकिशोर सिंह वैध, रामखेलावन शर्मा आदि जुटे हैं.