टैक्स वृद्धि के खिलाफ दुकानदारों का प्रदर्शन

नवादा (सदर) : सोमवार को जिला मुख्यालय के सभी कपड़ा दुकानदारों ने प्रदेश सरकार द्वारा कपड़े पर बैट व रेडिमेड पर टैक्स वृद्धि के खिलाफ शहर में प्रदर्शन कर विरोध जताया. सोमवार को जिला मुख्यालय के सभी खुदरा व थोक कपड़ा दुकानों को बंद रखे. प्रदेश सरकार द्वारा रेडिमेड कपड़ों पर टैक्स वृद्धि व कपड़ों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2016 7:35 AM
नवादा (सदर) : सोमवार को जिला मुख्यालय के सभी कपड़ा दुकानदारों ने प्रदेश सरकार द्वारा कपड़े पर बैट व रेडिमेड पर टैक्स वृद्धि के खिलाफ शहर में प्रदर्शन कर विरोध जताया. सोमवार को जिला मुख्यालय के सभी खुदरा व थोक कपड़ा दुकानों को बंद रखे. प्रदेश सरकार द्वारा रेडिमेड कपड़ों पर टैक्स वृद्धि व कपड़ों पर बैट लगाये जाने के कारण व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
नवादा जिला कपड़ा व रेडिमेड व्यावसायिक संघ के बैनर तले निकाले गये जुलुस में जिला मुख्यालय के साथ ही ग्रामीण इलाकों के भी कपड़ा व्यवसायी शामिल हुए. डीएम को पत्र सौंपकर व्यावसायियों ने कहा है कि पांच सौ रुपये मीटर से अधिक के कपड़े व दो हजार रुपये से अधिक की साड़ी पर टैक्स लगा देने से राजस्व संग्रह के रुपये बहुत अधिक नहीं होंगे.
ऐसे में इसका प्रभाव खरीदारों के साथ-साथ दुकानदारों पर भी होगा. देश की किसी भी राज्य में अभी तक कपड़े पर बैट लागू नहीं है. बिहार में बैट लगाये जाने से कपड़े का व्यवसाय प्रभावित होगा. ऐसी स्थिति में कपड़ा व्यवसायी अपना करोबार समेटनों को मजबूर होंगे. साथ ही रेडिमेट कपड़ों पर जो टैक्स की वृद्धि की गयी है, इससे व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. डीएम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे ज्ञापन में कपड़ा व्यवसायियों ने कहा है कि देश में शीघ्र ही जीएसटी लागू होने की संभावना दिख रही है.
ऐसी स्थिति में काफी कम अवधि के लिए भी कपड़े को बैट के दायरे में लाना उचित नहीं है. व्यवसायियों ने ज्ञापन में मुख्यमंत्री से कपड़ों पर लगाये गये बैट व टैक्स को वापस लेने की अपील की है.
प्रदर्शन करनेवालों में शिवहरि अग्रवाल, जितेंद्र कुमार, राधेश्याम चौधरी, पंकज झुनझुनवाला,अमित कुमार बोहरा, मदन लाल, अनिल कुमार, नवीन कुमार छवि, अनिल कुमार जैन, राजेश कुमार, मनोज कुमार, सौरव कुमार, संजन कुमार, कन्हैया कुमार, अरुण कुमार, सत्येंद्र प्रसाद, मुमताज आलम आदि कपड़ा व्यवसायी शामिल थे.

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