मंगल गीतों की जगह चीत्कार

नवादा से गया आये थे तिलक चढ़ाने, 17 को होनी थी शादी नवादा : पकरीबरावां के कोयरीटोले में हो रही थी डोली सजाने की तैयारी. गांव की एक बेटी की शादी 17 फरवरी को होनी थी. आसपास के लोगों में उमंग था. महिलाएं मंगलगीत गा रही थी. थोड़ी ही देर पहले गांव से तिलक के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2016 6:48 AM
नवादा से गया आये थे तिलक चढ़ाने, 17 को होनी थी शादी
नवादा : पकरीबरावां के कोयरीटोले में हो रही थी डोली सजाने की तैयारी. गांव की एक बेटी की शादी 17 फरवरी को होनी थी. आसपास के लोगों में उमंग था. महिलाएं मंगलगीत गा रही थी. थोड़ी ही देर पहले गांव से तिलक के लिए लोग निकले थे. रस्म अदायगी के बाद महिलाएं परंपरागत शादी गीतों में जुटी थीं.
तीन दिन बाद कोयरीटोला निवासी दीपु सिंह की बड़ी बेटी कुमारी प्रिया की शादी होनी है. इसके लिए बड़े बेटे राहुल ने अपने ठेला पर लिट्टी-चोखा बेच कर रुपये जमा किये थे. बहन की शादी का सारा भार राहुल ही उठा रहा था. पर, नियति को कुछ और ही मंजूर था. शायद इसकी भनक तक लोगों को नहीं थी. जिस बहन व पड़ोस की बेटी के तिलकोत्सव में जा रहे हैं. उनकी लाशें घर आने वाली है.
मंगलगीतों के बजाय क्रंदन गुंजने वाले हैं. पर होना तो वही है जो विधाता को मंजूर है. तिलकोत्सव के लिये गये छह लोग सड़क दुर्घटना में मारे गये. तीन लोग गया और पटना के मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं. इनकी भी स्थिति ठीकठाक नहीं है. इस हादसे में लड़की के भाई सहित छह लोगों की धटनास्थल पर ही जान चली गयी. शुक्रवार की रात जैसे ही लोगों को घटना की जानकारी मिली,गांव में कोहराम मच गया. गड़िया पलट गेलय.
सभे मर गेलो. दुनु रहुलवा भी मर गेलो. सोनूया, मोनूयां औ जसपलवा भी. कोय नय बचा हो. टरक धक्का मार देलकै. तिलका देके गड़िया लौट रहलेहल तखनय बड़का टरकवा मार देलकै. गंउवा में सब मर गेलैये रे बाप. हर किसी की जुबान पर एसी ही बातें थीं.

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