”खुद के बदलने से ही समाज में परिवर्तन संभव”

नवादा (सदर) : समाज के विकास को लेकर जापान में 1920 में गठित हुई रेयूकाई अध्यात्मिक सहचार्य संस्था के डिप्टी डायरेक्टर तोमो तू सू जो मासूनाका गुरुवार को नवादा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि खुद के बदलने से ही समाज में परिवर्तन संभव है. दुनिया भर के लोग समाज में परिवर्तन की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2016 2:11 AM
नवादा (सदर) : समाज के विकास को लेकर जापान में 1920 में गठित हुई रेयूकाई अध्यात्मिक सहचार्य संस्था के डिप्टी डायरेक्टर तोमो तू सू जो मासूनाका गुरुवार को नवादा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि खुद के बदलने से ही समाज में परिवर्तन संभव है. दुनिया भर के लोग समाज में परिवर्तन की चाह रखते हैं. परंतु खुद बदलना नहीं चाहते हैं, जिसके कारण बदलाव नहीं हो रहा है.
समाज परिवर्तन के लिए खुद को बदलना जरूरी है. जापान के ओसाका से आठ दिनों की यात्रा पर भारत पहुंचे मासूनाका बुधवार को बोधगया में भ्रमण करने के उपरांत गुरुवार को नवादा में अपने संस्था के सदस्यों के साथ बैठक की तथा संस्था द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने बताया कि भारत में रेयूकाई अध्यात्मिक 1983 से शुरू हुआ है. संस्था में न तो किसी जात, धर्म का ख्याल रखा जाता है. बल्कि समाज के बेहतर विकास के लिए यह संस्था उत्तरोतर प्रगति कर रही है. जैपनिज भाषा में वे अपनी बातों को रख रहे थे, जिसका हिंदी अनुवाद उनके साथ चल रहे अश्विनी कुमार ने किया.
उन्होंने कहा कि किसी धर्म के साथ खिलवाड़ न करें. भगवान बुद्ध के बताये गये मार्गों को अपनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस संस्था में सभी धर्म के लगभग 12 लाख लोग जुड़े हुए हैं. यह संस्था भारत के साथ-साथ बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, चेकोस्लाविया, अर्जेंटीना, यूएसए, मैक्सिको, ब्राजील, पेरू,फ्रांस, इंडोनेशिया, भूटान, ताईवान, कोरिया, कनाडा में काम कर रही है. उन्होंने बिहार में शराब के प्रतिबंद्ध को सरकार का बेहतर कदम बताया.
इस मौके पर रेयूकाई के पटना कार्यालय के प्रबंधक पंकज पाठक, नवादा के वरीय सदस्य अरविंद मिश्रा, राजेंद्र सिंह आदि लोग मौजूद थे. हिंदी ट्रांसलेटर अश्विनी कुमार ने बताया कि मासूनाका नवादा से राजगीर व पटना होते हुए वैशाली तक जायेंगे. लोगों के बीच संस्था के उद्देश्य को बतायेंगे.

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