एक शक्षिक के भरोसे उर्दू वद्यिालय वद्यिालय
एक शिक्षक के भरोसे उर्दू विद्यालय विद्यालयरजौली. प्रखंड मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर झारखंड के रास्ते होकर जानेवाले सवैयाटांड़ पंचायत के बाराटांड़ गांव में स्थापित उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू का हाल बदहाल है. अपने स्थापना काल से ही विवादों में रहा प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू बाराटांड़, सवैयाटांड़ में शिक्षकों की […]
एक शिक्षक के भरोसे उर्दू विद्यालय विद्यालयरजौली. प्रखंड मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर झारखंड के रास्ते होकर जानेवाले सवैयाटांड़ पंचायत के बाराटांड़ गांव में स्थापित उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू का हाल बदहाल है. अपने स्थापना काल से ही विवादों में रहा प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू बाराटांड़, सवैयाटांड़ में शिक्षकों की कमी से बुरा हाल है. एक मात्र शिक्षक कार्यरत हैं. कम शिक्षक रहने से बच्चों को एमडीएम समेत कई योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है. ग्रामीण अभिभावकों ने जिलाधिकारी व क्षेत्रीय विधायक से विद्यालय के रिक्त शिक्षक पदों पर शीघ्र पदस्थापना की मांग की. बाराटांड, सवैयाटांड पंचायत के निवासी व उपमुखिया मो सरफराज आलम व अन्य ने बताया कि विद्यालय के स्थापना के बाद जब बच्चे कम थे तब शिक्षक छात्र का अनुपात ठीक था. परंतु जब बच्चों की संख्या बढ़ी तो विद्यालय में आपसी विवाद होते रहा. इस बीच प्रभारी समेत अन्य शिक्षकों को स्थानांतरित कर दिया गया. फलत: उक्त विद्यालय में मात्र एक शिक्षक शेष बचे हैं. जिनके जिम्मे विद्यालय में पठन पाठन के अलावा कार्यालय कार्य देखने की व्यस्तता है. एक मात्र शिक्षक के भरोसे चल रहा बाराटांड़ विद्यालय बदहाल है. गौरतलब है कि महीने में विद्यालय कुछ दिन ही खुल पाता है बाकी दिन विद्यालय बंद रहता है. जबकि विद्यालय में अपने बच्चों का नामांकन करवा चुके अभिभावकों को बच्चों के भविष्य बिगड़ने की चिंता सता रही है. अब देखना है कि अधिकारियों का ध्यान बाराटांड़ विद्यालय की समस्या की ओर जाता है या फिर वहां के बच्चों का भविष्य अंधकारमय ही रहेगा.