या देवी सर्वभूतेषु, शक्ति रूपेण संस्थिता…
या देवी सर्वभूतेषु, शक्ति रूपेण संस्थिता…आस्था. घरों व देवी मंदिरों में कलश स्थापना कर नवरात्र पूजा शुरूजलभरी के लिए श्रद्धालुओं ने निकाली कलशयात्रा मां के जयकारे के साथ चैत नवरात्र के लिए कलश स्थापना कर विधिवत पूजा-अर्चना शुक्रवार को की गयी. पूर्वाह्न 11:36 बजे से दोपहर 12:24 मिनट तक कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त पर […]
या देवी सर्वभूतेषु, शक्ति रूपेण संस्थिता…आस्था. घरों व देवी मंदिरों में कलश स्थापना कर नवरात्र पूजा शुरूजलभरी के लिए श्रद्धालुओं ने निकाली कलशयात्रा मां के जयकारे के साथ चैत नवरात्र के लिए कलश स्थापना कर विधिवत पूजा-अर्चना शुक्रवार को की गयी. पूर्वाह्न 11:36 बजे से दोपहर 12:24 मिनट तक कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त पर नगर के कई मंदिरों व घरों में कलश स्थापना कर माता का नवरात्र पूजा करनेवाले लोग जल लाने के लिए जाते दिखे. मां शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्र का उत्सव प्रारंभ हो गया है. फोटो-नवादा/5कैप्शन- कलशयात्रा में शामिल लोगप्रतिनिधि4नवादा (नगर)चैती दुर्गा पूजा के नाम से प्रसिद्ध वासंती नवरात्र की विधिवत शुरुआत कलश स्थापना के साथ हो गयी. नगर के विभिन्न देवी मंदिरों में कलश स्थापना कर मां के नौ दिनों तक चलनेवाले नवरात्र पूजा की हुई. नगर में मालगोदाम छाय रोड स्थित मंदिर में माता की प्रतिमा के स्थापना की जाती है. शेष देवी मंदिरों में मां के स्थापित प्रतिमा के पास कलश स्थापना कर नवरात्र की पूजा की जाती है. नगर के शोभनाथ मंदिर व सूर्य धाम मंदिर से जल लानेवाले श्रद्धालु नाचते-गाते हुए जलयात्रा में शामिल हुए. माता की अराधना के लिए कलश यात्रा में झूमते-नाचते श्रद्धालु भक्तों की टोलियां देखती ही बनी. नगर के स्टेशन रोड स्थित देवी मंदिर, प्रसाद बिगहा दुर्गा मंदिर, देवी स्थान मंदिर, पार नवादा देवी स्थान मंदिर व काली स्थान आदि के साथ ही कादिरगंज मां साक्षात काली मंदिर से कलशयात्रा निकाली गयी. पवित्र जल भर कर कलश स्थापना कर मां के पहले रूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गयी. ब्राह्मणों के अनुसार कलश स्थापना के लिए सुबह 11: 36 बजे से 12:24 बजे तक अभिजिन मुहुर्त था. इस अवधि में कलश स्थापना कर पूजा-अर्चना करनेवाले लोगों को धन-धान की प्राप्ति होगी. इस वर्ष का नवरात्र सिद्धि योग नवरात्र है, जो कई गुना अधिक फलदायी है. नवरात्र का उत्सव वैसे तो सामान्यत नौ दिनों का होता है. लेकिन, इस वर्ष आठ दिनों का होगा. माता डोली में बैठ कर आ रही हैं. जबकि मुर्गें पर सवार होकर वापस जायेगी. कलश स्थापना के लिए निकली शोभा यात्राचैत नवरात्र में कलश स्थापना के लिए कलश यात्रा निकाली गयी. लोग पारंपरिक तरीके से ढोल- बाजे के साथ सूर्य धाम मंदिर जाकर कलश स्थापना के लिए जल लाये. घरों व मंदिरों की साफ-सफाई कर कलश स्थापना के बाद पूजा-अर्चना की जा रही है. भक्तिमय माहौल में दुर्गा सप्तसती का पाठ कलश स्थापना के बाद किया जा रहा है. पहले ही दिन माता के शैलपुत्री रूप की पूजा-अर्चना की जा रही है. मंदिरों में शंख व मंजिरे की गूंज से पूरा वातावरण श्रद्धा व भक्ति के माहौल से भर गया है. बाजारों में दिख रही रौनकचैत नवरात्र के प्रारंभ के साथ ही नव वर्ष प्रतिपदा की शुरुआत भी हो गयी है. संवत 2073 के शुभारंभ के बाद बाजारों में रौनक देखी जा रही है. लोग दुर्गा पूजा की खरीदारी को लेकर व्यस्त दिख रहे हैं. कलश स्थापना के साथ ही पूजन कार्यों में लगनेवाले सामाग्रियों की खरीदारी में लोग जुटे हुए हैं. पूजा के लिए पूजन सामाग्रियों के साथ ही रंगीन बद्धी व अन्य सामाग्री बिक रही है.