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ग्रामीण जलापूर्ति योजना को तुरंत करें दुरुस्त

नवादा (कार्यालय) : पानी के कारण लोगों को कठिनाई नहीं होनी चाहिए. अगर, जिले के किसी भी स्थान से पेयजल की समस्या को लेकर कुव्यवस्था होती है या विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है, तो संबंधित कनीय अभियंताओं व पदाधिकारियों पर जबावदेही तय कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. ये बातें बुधवार को डीएम मनोज कुमार […]

नवादा (कार्यालय) : पानी के कारण लोगों को कठिनाई नहीं होनी चाहिए. अगर, जिले के किसी भी स्थान से पेयजल की समस्या को लेकर कुव्यवस्था होती है या विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है, तो संबंधित कनीय अभियंताओं व पदाधिकारियों पर जबावदेही तय कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. ये बातें बुधवार को डीएम मनोज कुमार ने जिला समाहरणालय स्थित सभागार में आयोजित पेयजल की समीक्षा बैठक में कहीं.
समीक्षा के दौरान हुआ खुलासा
पीएचइडी द्वारा जिले में मरम्मत के बाद चापाकलों की उपलब्ध करायी गयी सूची की प्रखंडवार सत्यापन रिपोर्ट की समीक्षा के क्रम में डीएम ने पाया कि पीएचइडी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूची के भौतिक सत्यापन में काफी कम चापाकल चालू अवस्था में पाये गये.
गौरतलब है कि पिछली बैठक में डीएम ने निर्देश दिया था कि पीएचइडी द्वारा चालू हालत वाले चापाकलों की सूची का प्रोग्राम अफसर मनरेगा की देख-रेख में पीआरएस द्वारा स्थल जांच किये जाये. डीएम के निर्देश के आलोक में उपविकास आयुक्त ने प्रोग्राम अफसर के सहयोग से पीआरएस द्वारा स्थल जांच करवाकर फोटोग्राफ्स सहित जिला पदाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी.
पीएचइडी की सूची के अनुसार, नवादा प्रखंड में 63 चापाकल चालू हैं. स्थल जांच के बाद केवल 32 चापाकल चालू अवस्था में पाये गये. वहीं, कौआकोल में 29 चापाकल हैं, जबकि जांच में केवल 11 चापाकल चालू स्थिति में पाये गये. वारिसलीगंज में 26 में केवल 13 चापाकल चालू पाये गये. हिसुआ में 58 चापाकल में सिर्फ 36 चापाकल चालू पाये गये. जिला पदाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए नवादा, कौआकोल, हिसुआ व वारिसलीगंज के कनीय अभियंताओं को स्पष्टीकरण के साथ वेतन रोकने का भी निर्देश दिया.
विधायक मद के चापाकलों की भी होगी जांच
डीएम मनोज कुमार ने पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि पिछले पांच वर्षों में विधायक मद से लगाये गये चापाकलों की सूची अविलंब सीडी सहित उपलब्ध करायें. बैठक में उपस्थित उपविकास आयुक्त को डीएम ने निर्देश दिया कि उपरोक्त सूची का स्थल जांच करवा कर फोटोग्राफ्स सहित शीघ्र रिपोर्ट सौंपे. गौरतलब है कि विधायक मद से लगाये जाने वाले चापाकलों की पांच वर्षों तक मरम्मत का कार्य कार्यकारी एजेंसी द्वारा किया जाना है.
रिपोर्ट मिलने के बाद अगर चापाकल बंद पाया जायेगा, तो चापाकल गाड़ने वाली एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा के क्रम में डीएम ने सभी कनीय अभियंताओं को निर्देश दिया कि जितनी भी जलापूर्ति योजनाएं चल रही हैं, उसको चलाने वाले ऑपरेटरों का मोबाइल नंबर लेकर हर दिन की रिपोर्ट प्राप्त करें. साथ ही सप्ताह में एक दिन चल रही जलापूर्ति योजनाओं के स्थल पर जाकर ही स्थिति का जायजा लें.
ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के स्थल जांच के क्रम में पाया गया कि नवादा के सिद्देश्वरपुर, नरहट के शेखपुरा, पकरीबरावां के पकरीबरावां व डुमरावां, नरहट के छोटी पाली, अकबरपुर के अकबरपुर व फतेहपुर आदि मिनी जलापूर्ति योजनाएं व सोलर मिनी जलापूर्ति योजनाएं बंद हैं. डीएम ने पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को अविलंब बंद पड़ी जलापूर्ति योजनाओं को चालू करा कर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया.
कई गांवों में टैंकर से पानी भेजने का मिला निर्देश : डीएम ने अंचलाधिकारियों के माध्यम से करायी गयी जांच के बाद रजौली के वंशीटाड़, बौरीकला, पकरीबरावां के ओदपुरा, मांझीटोला, दुधैला, भगवानपुर, सुदुनपुर, वारिसलीगंज मोड़, धमौल बाजार, बेलखुंडा, बुधौली व नारदीगंज के हड़िया, राजीव नगर व पछिया पहाड़ आदि गांवों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति की करने का निर्देश दिया. बैठक में उप विकास आयुक्त एसएम कैसर सुल्तान, अपर समाहर्त्ता महर्षि राम, आपदा प्रबंधन के प्रभारी पदाधिकारी वीणा प्रसाद, नगर पर्षद इओ कृष्ण मुरारी आदि मौजूद थे.

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