‘मानवता की सेवा ही बड़ा धर्म’
नवादा : ईद मिलाद उल नवी पर पैगंबर मोहम्मद साहब की याद में इसलाम धर्मावलंबियों ने कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया. पूरे शहर में हजारों की संख्या में समाज के लोग एकत्रित हुए और जुलूस निकाला. लोगों ने शुकराना रोजा रखा और नमाज भी अदा किये. इस दौरान खुशी मनाते हुए एक-दूसरे को […]
नवादा : ईद मिलाद उल नवी पर पैगंबर मोहम्मद साहब की याद में इसलाम धर्मावलंबियों ने कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया. पूरे शहर में हजारों की संख्या में समाज के लोग एकत्रित हुए और जुलूस निकाला. लोगों ने शुकराना रोजा रखा और नमाज भी अदा किये.
इस दौरान खुशी मनाते हुए एक-दूसरे को ईद मिलाद उल नवी का मुबारकवाद गले मिल कर दिया. मदरसों में बच्चों को मोहम्मद साहब के पैगाम पर चर्चा कर उनके उपदेशों को बताया. मोहम्मद साहब का पैगाम मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है, बच्चों को बताया गया.
उनके पिता अजरत अब्दुल्लाह व माता बीबी आमना थी. अल्लाह के आखिरी पैगंबर थे मोहम्मद साहब. इस तिथि को दुनिया की तारीख का सबसे अजीम दिन माना जाता है. खदीजा हॉस्पीटल के डॉ एस वली आजम बताते हैं कि मोहम्मद साहब ने पैगाम दिया है कि अन्य लोगों की तरह चिकित्सक बिरादरी को भी गरीब व असहाय वर्ग के लोगों को मुफ्त चिकित्सा शिविर लगा कर सेवा देना चाहिए.
सेवा भावना में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रखना चाहिए. गरीबों को दान-पुण्य व उनके बच्चों को शिक्षा से जोड़ने में मदद करना ही मोहम्मद साहब की सच्ची उपासना है. उन्होंने बताया कि कुरान का तर्जुमा (सबा 28) में उनका पैगाम है कि ए मोहम्मद हमने आपको तमाम इंसानों के लिए खुशखबरी देने वाला और डर सुनाने वाला बना कर भेजा है, लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को नहीं जानते हैं.
इसलिए हमें चाहिए की इस मौके पर किसी भी मजहबों मिल्लत के भेद-भाव किये बगैर पूरी इनसानी बिरादरी की सेवाएं बिना किसी स्वार्थ के करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पैगंबर मोहम्मद साहब के इनसानियत के इस पैगाम को जन जन तक पहुंचाने की जरूरत है. मदरसों में इस दिन विशेष आयोजन किया गया है.
याद में निकला जुलूस
पकरीबरावां : मंगलवार को प्रखंड के मुश्तफानगर के मसजिद मुश्तफा से जुलूस निकाला गया. जुलूस की अगुआई मुश्तफा मसजिद के इमाम मौलाना नासीर हुसैन, मौलाना मुशरफ हुसैन व मास्टर मो सलीम अख्तर ने की.
पैगंबर मोहम्मद साहब की जयंती के अवसर पर निकाले गये जुलूस में लोग नारे तदवीर हल्ला हो अकबर के नारे लगाते हुए मुख्य बाजार का भ्रमण किया. जुलूस मुश्तफानगर से होते हुए दोस्तली बिगहा, पकरी होते हुए मुख्य बाजार से मुश्तफानगर में संपन्न हुई. मुश्तफानगर में एक तकरीर हुई. इसमें पैगंबर साहब के उपदेशों पर विस्तृत चर्चा करते हुए उनके गुणों को आत्मसात करने की अपील की गयी.
मौके पर मुश्तफा मसजिद के सदर जनाब मौलाना जमील अख्तर, मो जावेद अख्तर, मो हुमायूं अख्तर, मास्टर मोहसीन, मास्टर हाशीम साहब, अहीर उद्दीन आदि उपस्थित थे.
जयंती मनी रोह.
इसलाम धर्मावलंबियों ने मंगलवार को हजरत मोहम्मद साहब की जयंती मानवता दिवस के रूप में मनाया. इस दौरान रोह, मरूई, कोशी में इसलाम धर्म के लोग हजरत साहब की जयंती पर नमाज अदा किया. साथ ही उनके पैगाम की लोगों के बीच चर्चा की गयी. बड़ी मसजिद रोह के मौलाना अब्बू सालेह नदबी ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहबसच्चाईके रास्ते पर चलने व आपसी भाईचारे व शांति सद्भाव का पैगाम दिया. इनकी जयंती पर हम लोग उनके बताये हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लें.