पर्यटक खिंचे चले आ रहे ककोलत
राज्य के कश्मीर कहे जानेवाले ककोलत में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ से लोग काफी खुश हैं. पर्यटन का यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी अपनी भूमिका निभा रहा है़ वैसे, खराब सड़कों की हालत व सरकारी स्तर पर कुव्यवस्था पर्यटन को प्रभावित करती […]
राज्य के कश्मीर कहे जानेवाले ककोलत में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ से लोग काफी खुश हैं. पर्यटन का यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी अपनी भूमिका निभा रहा है़ वैसे, खराब सड़कों की हालत व सरकारी स्तर पर कुव्यवस्था पर्यटन को प्रभावित करती है़
नवादा (नगर) : ककोलत की वादियों इन दिनों खूब गुलजार हो रहा है़ लोगों की काफी संख्या गरमी से निजात पाने के लिए ककोलत की ओर जा रहे हैं. उमस भरी गरमी में ककोलत के झरने की शीतलता लोगों को रोमांचित कर रहा है. राज्य ही नहीं देश भर से लोग ककोलत का लुत्फ उठाने पहुंच रहे हैं. ककोलत विकास प्राधिकरण को और बेहतर बना कर स्थिति में सुधार करने की जरूरत है़ पर्यटकों की बढ़ती भीड़ के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है़ स्थानीय लोगों के प्रयास से जो व्यवस्था खड़ी की गयी है उसी से लोगों को अपना गुजारा करना पड़ता है़
शराबबंदी से व्यवस्था में सुधार
राज्य में शराबबंदी की घोषणा का असर ककोलत पर्यटन स्थल में भी देखने को मिलता है़ लोग अब अपने परिवार के साथ जाकर मौज मस्ती के साथ अपनी छुट्टियां बिताते हैं. शराबबंदी से होनेवाले छेड़छाड़ व अन्य घटनाओं पर काफी रोक लगी है़ लोगों को अब छोटी-मोटी समस्याओं से भी राहत मिल रही है़ शराब पीते कई पर्यटकों को पकड़ा भी गया है, इससे स्थिति में सुधार हुआ है़
सीढ़ी बनने से रास्ते हुए आसान
ककोलत की पहाड़ियों तक जाने के लिए सीढ़ियों का निर्माण हो जाने से काफी लाभ मिल रहा है़ पिछली बार आयी बाढ़ व तूफान के कारण सीढ़ी पूरी तरह टूट गयी थी. पिछले वर्ष किसी प्रकार से बांस व लकड़ी बांध कर सीढ़ी के रूप में काम चलाया गया था़ लेकिन इस वर्ष सीढ़ी बन जाने से पर्यटकों को राहत मिल रही है़ सीढ़ी को पिछले बार की अपेक्षा बेहतर बनाया गया है़ ककोलत विकास परिषद द्वारा यह काम कराया गया है़
स्थानीय लोग करते हैं मदद
ककोलत विकास परिषद से जुड़े स्थानीय लोगों द्वारा पर्यटकों की सुविधा का ख्याल रखा जाता है़ गाड़ी पार्किंग से लेकर शांति व्यवस्था बनाये रखने व साफ-सफाई का काम स्थानीय लोगों द्वारा किया जाता है़ केयरटेकर यमुना पासवान के नेतृत्व में स्थानीय दर्जनों युवक लोगों की मदद करते आसानी से दिख जाते हैं. खास कर सुरेश पासवान व जया देवी सहित अन्य युवक पर्यटकों को सुविधा पहुंचा रहे हैं.
सरकारी मदद की है आवश्यकता
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर व्यवस्था में सुधार के लिए काम करने की जरूरत है़ शौचालय, पेयजल, ठहरने की व्यवस्था, रात्रि विश्राम आदि की सुविधा को विकसित किया जाये तो क्षेत्र का और भी अधिक विकास संभव है़
सड़क की हालत है सबसे खराब
जिला मुख्यालय से ककोलत जाने की दूरी लगभग 30 किलोमीटर हैं. लेकिन सड़कों की खराब हालत के कारण यहां तक पहुंचने में लोगों को काफी समय लग जाता है़ नवादा से फतेहपुर तक एनएच-31 की सड़क भी बदहाल स्थिति में है़ फतेहपुर से अकबरपुर होते हुए ककोलत तक जानेवाली सड़क पूरी तरह से जर्जर है़ इस कारण पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है़
सड़क के खराब हालत के कारण लोग ककोलत जाने से बचना पसंद करते हैं. सड़क का कई बार टेंडर होने के बावजूद अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है़ वन विभाग द्वारा आपत्ति दर्ज किये जाने के बाद सड़क निर्माण कार्य रुका था़ जिला प्रशासन सड़क निर्माण को लेकर प्रयासरत है, लेकिन वर्तमान समय में पर्यटकों को खराब सड़क से ही होकर ककोलत तक पहुंचना पड़ रहा है़