रोहिणी नक्षत्र के तेवर देख किसानों के चेहरे खिले

नवादा कार्यालय : खेती-बाड़ी के प्रमुख नक्षत्रों में से एक रोहिणी सोमवार की रात विदा हो गया है. पर जाते-जाते इसने अपने कड़े तेवर का अहसास करा दिया है. आम जनजीवन के लिए रोहण की गरमी और कड़ाके की धूप भले ही परेशानी पैदा करता रहा. पर,इससे किसानों की उम्मीदें बंध गयी है. बेहतर माॅनसून […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2016 7:54 AM
नवादा कार्यालय : खेती-बाड़ी के प्रमुख नक्षत्रों में से एक रोहिणी सोमवार की रात विदा हो गया है. पर जाते-जाते इसने अपने कड़े तेवर का अहसास करा दिया है. आम जनजीवन के लिए रोहण की गरमी और कड़ाके की धूप भले ही परेशानी पैदा करता रहा. पर,इससे किसानों की उम्मीदें बंध गयी है. बेहतर माॅनसून के आसार बने हैं. बारिश की अच्छी संभावना बनी है.
यह खेती के लिये बेहद ही शुभ माना जा रहा है. हालांकि, मौसम वैज्ञानियों ने भी इस बार बेहतर बारिश होने के संकेत दिये हैं. ऐसे में घाघ की पंक्तियां किसानों की जुबान पर आ जा रही है. रोहण तवे, मृगशिरा रबे, कुछ दिन अदरा जाये. घाघ कहे घाघिन से तब श्वान भात भी खाये. यानि धान की बेहतर उपज के आसार प्रबल हैं. कृषि विशेषज्ञ सुमंत कुमार कहते हैं- इस बार माॅनसून ठीक-ठाक होगा. किसानी के लिए लोगों को सजग रहना पड़ेगा.
कहते हैं हम पूरी तरह वर्षा पर ही आश्रित हैं. ऐसे में हमें समय पर बिचडों की बुआई कर लेनी होगी. श्रीविधि व सीधी बुआई के लिए भी हमें तैयार हो जाना चाहिए. सरकार के निर्देश पर विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है. प्रखंड स्तर पर किसान प्रशिक्षण और अन्य तकनीकी जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है. इधर, मंगलवार से मृगशिरा नक्षत्र का प्रवेश हो गया है. जिले में कही-कहीं किसानों ने रोहनियां मोरी भी लगाया है.
पर,नये नक्षत्र में बिचड़ा के बेहतर आच्छादन की उम्मीद बनी है. किसान रामचरित्र सिंह कहते हैं. हम पारंपरिक रूप से वर्षा पर निर्भर रहकर ही खेती करते हैं. हमारे लिए नक्षत्रों का बड़ा महत्व है. इसकी गणना करके ही धान की पूरी खेती होती है. कृषि नक्षत्रों के साथ हमने खेती की शुरुआत कर दी है.

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