जज की पिटाई का मामला : HC ने डीजीपी-गृह सचिव से कहा, कार्रवाई करें, नहीं तो हम सक्षम

पटना : पटना हाइकोर्ट ने गोपालगंज के एसीजेएम की एक इंस्पेक्टर द्वारा की गयी पिटाई के मामले में गृह विभाग के प्रधान सचिव आमीर सुबहानी और डीजीपी पीके ठाकुर को मंगलवार को फिर तलब किया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह के कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से मंगलवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2016 6:09 AM
पटना : पटना हाइकोर्ट ने गोपालगंज के एसीजेएम की एक इंस्पेक्टर द्वारा की गयी पिटाई के मामले में गृह विभाग के प्रधान सचिव आमीर सुबहानी और डीजीपी पीके ठाकुर को मंगलवार को फिर तलब किया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह के कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से मंगलवार को सुनवाई के दौरान एकशन टेकेन रिपोर्ट देने को कहा है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान आये गृह सचिव व डीजीपी से तीखे शब्दों में कहा कि आरोपित इंस्पेक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहे हैं, मंगलवार को बताएं. अब तक कार्रवाई नहीं होने से नाराज कोर्ट ने कहा कि यदि प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं हुई, तो कोर्ट खुद कार्रवाई करने में सक्षम है. काेर्ट ने कहा कि इस मामले में प्रशासन की पहल हैरानी करनेवाली है. इस प्रकार यदि प्रशासन का रुख रहा, तो न्यायिक कार्य करने में परेशानी होगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि उसे पता है कि किस चीज का बदला लिया जा रहा है.
न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस की ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी घटना के बहुत बाद दर्ज करायी गयी है. कोर्ट ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से न्यायिक कार्यों से पुलिस की परेशानी बढ़ रही थी, इस कारण से एसीजेएम के साथ मारपीट की गयी है. कोर्ट ने किहा कि पुलिस की कार्रवाई यहीं नहीं रुकी, जिले में तैनात एक अपर जिला सत्र न्यायाधीश और परिवार न्यायालय के जज को दिये गये सुरक्षा गार्ड को हटा लिया गया है.
सरकारी वकील ने कहा कि डीएम, एसपी और प्रमंडलीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं, इसलिए कार्रवाई नहीं की गयी है. सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि अब तक जो छानबीन हुई है, उसमें संबंधित न्यायिक अधिकारी की ज्यादती की बात सामने आयी है. इस पर काेर्ट ने कहा कि यदि न्यायिक अधिकारी दोषी होंगे, तो उन्हें भी बख्शा नहीं जायेगा.

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