नवादा : खिलाड़ियों व खेलप्रेमियों के लिए जिला मुख्यालय स्थित हरिश्चंद्र स्टेडियम किसी पवित्र स्थल से कम नही है. शहर से लेकर गांव के सैकड़ों खेल प्रतिभा यहां से उभर कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवांवित किया है.
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खिलाड़ी लौटे बिना प्रैक्टिस के बच्चों ने खूब पकड़ीं मछलियां
नवादा : खिलाड़ियों व खेलप्रेमियों के लिए जिला मुख्यालय स्थित हरिश्चंद्र स्टेडियम किसी पवित्र स्थल से कम नही है. शहर से लेकर गांव के सैकड़ों खेल प्रतिभा यहां से उभर कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवांवित किया है. हर प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं के साथ ही जिले के सरकारी व गैर सरकारी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों […]
हर प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं के साथ ही जिले के सरकारी व गैर सरकारी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए यह स्टेडियम गवाह बनता रहा है. लेकिन, इसकी बदहाल व्यवस्था आनेवाले खिलाड़ियों के लिए खतरे का संकेत दे रहा है. मंगलवार को हुई बारिश के बाद पूरे स्टेडियम में पानी भर गया है.
पीछे तालाब की वर्षों से सफाई नहीं हुई है. स्टेडियम की दीवार टूटी होने के कारण पूरा पानी मैदान में चला आया है. स्टेडियम की दीवार को बनाने व तालाब का गंदा पानी स्टेडियम में आने से रोकने के लिए पिछले कई बार से मांग उठायी जा रही है. बावजूद अब तक इस पर पहल नहीं होने का नतीजा है कि गंदा पानी अंदर तक चला आया है. खिलाड़ियों के खेलने की जगह गंदा पानी तैर रहे हैं. बुधवार को मौसम साफ होने पर खिलाड़ी प्रैक्टिस के लिए आये, लेकिन स्टेडियम में पानी भरा रहने से प्रशासन व सरकार को कोसते हुए घर लौट गये.
हालांकि, आसपास के बच्चों ने स्टेडियम में मछली पकड़ने में दिनभर मस्त रहे. हुआ यह कि स्टेडियम का जगह-जगह दीवार टूटी रहने से मंगलवार को हुई बारिश से पास के तालाब का सारा पानी स्टेडियम में प्रवेश कर गया है. पानी के साथ तालाब की मछली भी स्टेडियम में आ गयी. पहले तो बरसात का पानी स्टेडियम में देख दर्जनों बच्चे इसमें मस्ती के लिए पानी में आनंद लेते रहे. लेकिन, इधर, उधर मछली भागते देख उसे पकड़ने में बच्चे लग गये. पास के महादलित बस्ती के दर्जनों बच्चे पानी में स्नान करने के साथ मछली पकड़ने में लग गये. बुधवार को सुबह में कई बच्चे व बड़े भी स्टेडियम में तालाब से आयी मछली को पकड़ रहे थे. तालाब से आयी काफी बड़ी-बड़ी मछलियां स्टेडियम में घुसे पानी से पकड़ा गया. स्थानीय लोगों भी इसमें व्यस्त दिखे.
व्यवस्था में सुधार की है जरूरत
हरिश्चंद्र स्टेडियम की व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है. मैदान के आधे से अधिक हिस्सा सामान्य दिनों में भी इस्तेमाल नहीं हो पाता है. जगह-जगह दीवार टूटी होने के कारण पशु चरानेवाले यहां लेकर चले आते हैं. आसपास के वैसे महादलित परिवार के लोग जिनके पास शौचालय नहीं है, वे इस मैदान को ओपन शौचालय के रूप में इस्तेमाल करते हैं. मंगलवार को हुई बारिश से पास के तालाब का सारा पानी स्टेडियम में प्रवेश कर गया है.
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