कलशयात्रा के साथ यज्ञ शुरू

नवादा : नगर के स्टेशन रोड स्थित दुर्गा महावीर मंदिर में होने वाले चार दिवसीय यज्ञ गुरुवार को कलश यात्रा के साथ शुरू हो गया. इस दौरान गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गयी. कलशयात्रा स्टेशन रोड मंदिर के प्रांगण से निकल कर शहर के मुख्य मार्ग से पूरे बाजार में भ्रमण करते हुए मिर्जापुर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2014 1:21 AM

नवादा : नगर के स्टेशन रोड स्थित दुर्गा महावीर मंदिर में होने वाले चार दिवसीय यज्ञ गुरुवार को कलश यात्रा के साथ शुरू हो गया. इस दौरान गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गयी. कलशयात्रा स्टेशन रोड मंदिर के प्रांगण से निकल कर शहर के मुख्य मार्ग से पूरे बाजार में भ्रमण करते हुए मिर्जापुर के खुरी नदी स्थित सूर्य मंदिर घाट पहुंची, जहां वृंदावन से पहुंचे आचार्य मृत्युंजय कुमार मिश्र द्वारा कलश में जल भरने के लिए वैदिक मंत्रोच्चरण किया गया. इसके बाद श्रद्धालु कलश में जल भर कर वापस मंदिर प्रांगण पहुंचे.

इस दौरान महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. कलशयात्रा के दौरान श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान में मगन दिखे. इस दौरान घोड़ा व रथ लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा.

समिति के कई सदस्य व बच्चे कलशयात्रा में रथ व घोड़े पर सवार नजर आये. मौके पर समिति के अध्यक्ष भीम सिंह गुप्ता, सचिन ओम शंकर प्रसाद, कोषाध्यक्ष मुन्ना सिंह, रामदेव सिंह, अर्जुन गुप्ता, राजेश कुमार, धर्मेद्र कुमार गुप्ता, अनुज सेन , प्रमोद सिंह, दीपक कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे.

सजाया गया मंदिर

नवादा. नगर के स्टेशन रोड स्थित दुर्गा महावीर मंदिर में गुरुवार को शुरू हुए चार दिवसीय यज्ञ को लेकर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. मंदिर में स्थापित मूर्ति के सामने व पूरे मंदिर को फूलों व आकर्षक लाइटों से भर दिया गया. भव्य पंडाल निर्माण करने में समिति के सदस्यों की अहम भूमिका है.

इस दौरान भगवान गणोश, साईं बाबा, राधा कृष्ण, शनि देव व राम दरबार की प्रतिमा की स्थापित की जायेगा.

प्रतिमा की स्थापना को लेकर शुक्रवार से वैदिक मंत्रोच्चर के साथ यज्ञ शुरू होगा. इसके बाद शनिवार को शनिदेव की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इस चार दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए वृंदावन के आचार्य ब्राह्मण मृत्युंजय कुमार मिश्र के नेतृत्व में दर्जनों ब्राह्मण आये हैं. इन ब्राह्मणों द्वारा चार दिनों तक वैदिक मंत्रोच्चर के साथ कार्यक्रम का संचालन किया जायेगा.

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