ऑपरेशन कर मरीजों को जमीन पर लिटाया, परिजनों का हंगामा

अस्पताल में मरीजों के लिए बेड तक की सुविधा नहीं नवादा कार्यालय : सोमवार की शाम सदर अस्पताल में मरीजों के परिजनों ने जम कर हंगामा किया. जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए चलने वाले बंध्याकरण कार्यक्रम की हवा निकल गयी है. सदर अस्पताल में बंध्याकरण करवाने आयी महिलाओं का ऑपरेशन करके जमीन पर ही डाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2016 7:30 AM
अस्पताल में मरीजों के लिए बेड तक की सुविधा नहीं
नवादा कार्यालय : सोमवार की शाम सदर अस्पताल में मरीजों के परिजनों ने जम कर हंगामा किया. जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए चलने वाले बंध्याकरण कार्यक्रम की हवा निकल गयी है. सदर अस्पताल में बंध्याकरण करवाने आयी महिलाओं का ऑपरेशन करके जमीन पर ही डाल दिया गया. मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास बेड तक की सुविधा उपलब्ध नहीं थी.
इनके लिए दवा व जीवन रक्षक प्रणाली की भी घोर कमी दिखी. इसकी शिकायत लेकर मरीजों के परिजन अधीक्षक व उपाधीक्षक कार्यालय पहुंचे. यहां दरवाजे पर लटके ताले से इनकी भेंट हुई. इससे आक्रोशित परिजनों ने सदर अस्पताल में जमकर बवाल काटा. परिजन अपने परिवारों की दयनीय स्थिति देखकर काफी चिंतित दिखे. देखते ही देखते मरीजों के परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा करना शुरू कर दिया. परिजनों ने कहा कि अस्पताल अस्पताल से सीएस व डीएस सहित जिम्मेवार अधिकारी गायब हैं़ आखिर किस से करें शिकायत़ मरीज परेशान है़ कोई सुनने वाला नहीं है और जिम्मेवार लोग को कोई चिंता ही नहीं है़
बंध्याकरण के लिए चल रहा कार्यक्रम
:सदर अस्पताल में जनसंख्या स्थिरता पखवारा के तहत 11 से 24 जुलाई तक जागरूकता अभियान चलाया गया था. इसमें संबंधित क्षेत्र की आशा ने कई दंपती को जागरूक करके बंध्याकरण के लिए प्रोत्साहित कर ऑपरेशन कराने अस्पताल लायी थी. सुबह से इसको लेकर अस्पताल परिसर में गहमागहमी थी. बावजूदबड़ी संख्या में पहुंची बंध्याकरण कराने आयी महिलाओं के लिए अस्पताल प्रबंधन समुचित व्यवस्था नहीं कर पाया.
सदर प्रखंड से ऑपरेशन कराने पहुंचीं महिलाएं
सदर प्रखंड के सहजपुरा की मालो देवी, सुफलबीघा की रीता देवी, हरला की सुगंता देवी, गोनावां की सरिता देवी,भगवानपुर की मुनेशरी देवी, गोनी की सुगिया देवी, पकरिया के सोनी देवी, पथरा इंगलिश की कैली देवी सहित कुल 15 महिलाएं व एक पुरुष का ऑपरेशन किया गया.
अस्पताल में महिलाओं व पुरुष के ऑपरेशन के बाद देखभाल करने के लिए कर्मचारियों, संसाधनों व दवाओं की कमी साफ दिख रही थी. ऐसे में कोई बड़ी घटना होने की संभावना साफ झलक रही थी. मरीजों के परिजन विनोद चौहान, सुनील महतो, मुन्ना चौहान आदि ने कहा कि सदर अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. मरीजों के साथ अमानवीय हरकत हुई है. आॅपरेशन के बाद जमीन पर लिटाने का काम सदर अस्पताल के प्रबंधन की पोल खोलता है.

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