नवादा सदर : राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 31 की दुर्दशा के लिए जिम्मेवार कौन है, ये लोगों के बीच यक्ष प्रश्न बना हुआ है. केंद्र व राज्य सरकार के बीच जारी टकराव की सजा इस मार्ग से गुजरने वाले लोग भुगत रहे हैं.
आज से ढेड़ दशक पहले जो हालात हिसुआ-गया पथ की थी, वही हालात अब नवादा से रजौली तक की बन गयी है. सड़कों में गड्ढे या गड्ढों में सड़क इसकी पहचान करना मुश्किल हो गया है. गड्ढों के बाद उसमें बारिश का पानी खतरे का सबब बना हुआ है. नवादा से आगे बढ़ते ही फरहा, बरेव, माखर, फुलमा, फतेहपुर, अंधरबारी, रजौली, दिबौर के आसपास सड़कों पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि खुद वाहन चालक भी वाहनों को पार करने के दौरान भयभीत हो जाते हैं. जांच चौकी के पास भी बड़े गड्ढों के कारण वाहनों को पार करना काफी मुश्किल होता है. गड्ढों के कारण वाहनों का गुल्ला टूटने जैसे घटनाएं लगातार हो रही है. सोमवार की सुबह भी गड्ढों में जाने के कारण एक ट्रक का गुल्ला टूट गया और ट्रक बीच सड़क पर ही फंस गया. इस घटना के बाद एनएच 31 पर सड़क के दोनों किनारे वाहनों की लंबी कतारें लग गयी. इससे लोगों को काफी समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ा. अकबरपुर थाने के काफी प्रयास के बाद लगे जाम को हटाया जा सका.
समस्या का नहीं हो रहा स्थायी समाधान : नवादा जिला में पड़ने वाले एनएच-31 की हालत खराब रहने के बाद कोई भी स्थायी समस्या का समाधान नहीं सका. न तो विभाग के पास गड्ढों को भरने का कोई प्रस्ताव है और न ही एनएच 31 को बनाने की योजना है. इस मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए सड़क के किनारे से पेड़ को काट दिया गया. परंतु केंद्र व राज्य सरकार के बीच टकराव के कारण फोरलेन का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है. न तो फोरलेन बना और न ही सड़क की मरम्मत करायी गयी.