क्षमा, संयम, त्याग का त्योहार है पर्यूषण महापर्व

जैन मंदिर में लगातार चल रही विशेष पूजा नवादा नगर. 10 दिनों तक चलने वाले जैन धर्म के लोगों का त्योहार पर्यूषण को लेकर जैन मंदिर में लगातर पूजा का आयोजन हो रहा है. दस लक्षणों में एक उत्तम लक्षण क्षमा धर्म की विशेष पूजा को लेकर अभी से तैयारियां चल रही है. अनंत चतुर्थदशी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2016 8:06 AM
जैन मंदिर में लगातार चल रही विशेष पूजा
नवादा नगर. 10 दिनों तक चलने वाले जैन धर्म के लोगों का त्योहार पर्यूषण को लेकर जैन मंदिर में लगातर पूजा का आयोजन हो रहा है. दस लक्षणों में एक उत्तम लक्षण क्षमा धर्म की विशेष पूजा को लेकर अभी से तैयारियां चल रही है. अनंत चतुर्थदशी के दिन पर्यूषण पर्व का समापन होता है.
जैन मंदिर में समाज के महिला-पुरुषों की भीड़ कार्यक्रम में देखने को मिली. समाज के कई लोग इस अवसर पर 10 दिनों तक केवल एक समय जल पीकर ही पूजन में जुटे हुए है. भाद्र चतुर्थी से लेकर अनंत चर्तुदशी तक यह आयोजन हो रहा है. सुबह साढ़े पांच बजे से लेकर नौ बजे तक विशेष पूजन होता है तथा शाम में आरती मंगल का आयोजन लगातार हो रहा है. जैन धर्म के दिगंबर अनुयायियों द्वारा आदर्श अवस्था में अपनाये जाने वाले गुणों को दशलक्षण धर्म कहा जाता है. इसमें जीवन में सुख शांति के लिए उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, अकिंचन व ब्रह्म्चर्य दस लक्षणों की चर्चा की गयी है.
णमोकार मंत्र का हो रहा जाप: महापर्व प्रर्यूषण के दौरान बकरीद में लाखों की संख्या में किये गये पशुओं की कुरबानी में मारे गये पशुओं के आत्मा की शांति के लिए तीन दिनों तक णमोकार मंत्र का जाप शुरू किया गया है
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मारे गये पशुओं के लिए प्रार्थना को लेकर 13, 14 व 15 सितंबर को णमोकार मंत्र का एक घंटे तक जाप किया जा रहा है. प्रतिदिन सभी समाज के लोग रात में आठ से नौ बजे तक णमोकार मंत्र का जाप कर रहे है. जैन धर्मावलंबी विजय जैन ने कहा कि जैन समाज में किसी भी हत्या को सबसे बड़ा अपराध माना गया है. पर्यूषण पर्व के दौरान इतनी बड़ी संख्या में पशुओं की कुरबानी हुई है इन पशुओं के आत्मा की शांति के लिए यह विशेष आयोजन किया जा रहा है.
क्षमावणी मनेगा 15 को : जैन समाज के पर्यूषण महापर्व के एक दिन बाद क्षामवणी पर्व किया जाता है. अस्पताल रोड स्थित जैन मंदिर में क्षमावणी पर्व के लिए अभी से तैयारी की जा रही है. 15 सितंबर शनिवार को क्षमावणी पर्व सुबह में मनाया जायेगा. इसमें समाज के सभी लोग एक स्थान पर इकट्ठे होकर एक-दूसरे से वर्ष में जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं. परिवार समाज के साथ ही संपर्क में रहे सभी लोगों से क्षमा मांगने का यह दिन होगा. मंदिर में इस आयोजन के लिए विशेष तैयारी की जा रही है.
महावीर स्वामी के पहले शिष्य की मोक्ष स्थली है नवादा : महावीर स्वामी के पहले शिष्य गौतम गणधर स्वामी जी महाराज के निर्वाण स्थली के रूप में नवादा के गुणावां स्थान का खास महत्व है. मोक्ष भूमि के कारण यहां गोणावां में बने दिगंबर जैन मंदिर में भी पर्यूषण पर्व में विशेष आयोजन हो रहा है. प्रतिदिन समाज से जुड़े लोगों द्वारा दोपहर में लड्डु चढ़ाने की परंपरा की जा रही है. अनंत चतुर्थदशी को पर्यूषण पर्व के समापन आदि को लेकर समाज के माणिक चंद जैन, अभय जैन, जयकुमार जैन, प्रदीप जैन, भीमराय जैन, उदय जैन, विजय जैन, मनोज जैन, सुनील जैन, संतोष, सुमती काला, स्वीटी, सुनीता जैन, राजुल जैन आदि जुटे हुए हैं.
अनंत चतुर्दशी का दिन है खास
पर्यूषण महापर्व के आखिरी दिन अनंत चतुर्थदशी कई मायनों में खास है. पर्व के सफलता पूर्वक 10 दिनों की सफलता के बाद यह उत्तम समय आता है, इसके साथ ही जैन धर्म के 12 वें तीर्थंकर वासु पूज्य के मोक्ष का भी यह दिन है, इस कारण इसका खास महत्व हो जाता है.

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