पाक में घुस कर मारे भारतीय सेना
नवादा कार्यालय : वर्ष के शुरू होते ही पठानकोट हमला, पंपोर, नौहट्टा, पूंछ और अब 18 सितंबर को हुई उड़ी हमले से देश के नागरिकों की भावनाओं में जबरदस्त उबाल हैं. बार-बार हो रहे हमले के बाद भी भारत सरकार द्वारा माकूल जवाब नहीं दिया जाना जनता को गवारा नहीं. सिर्फ चेतावनी देकर विश्व पटल […]
नवादा कार्यालय : वर्ष के शुरू होते ही पठानकोट हमला, पंपोर, नौहट्टा, पूंछ और अब 18 सितंबर को हुई उड़ी हमले से देश के नागरिकों की भावनाओं में जबरदस्त उबाल हैं. बार-बार हो रहे हमले के बाद भी भारत सरकार द्वारा माकूल जवाब नहीं दिया जाना जनता को गवारा नहीं. सिर्फ चेतावनी देकर विश्व पटल पर पाकिस्तान की कारस्तानी का राग अलापना नागरिकों को रास नहीं आ रहा है. लंबे समय से चली आ रही कश्मीर समस्या से अब निजात पाने का समय आ गया हैं. शांतिवार्ता व द्विपक्षीय बैठकों के दौर से निकलते हुए इस मुद्दे पर अब कठोर कार्रवाई की मांग की जा रही हैं. भारतीय जनमानस में उड़ी हमलों के बाद आक्रोश चरम पर हैं. यह रोष भारत सरकार पर तत्काल समाधान का दबाव बनाने में जुटा हैं.
इसी कड़ी में समाहरणालय द्वार स्थित रैन बसेरा में नागरिकों ने बुधवार को सामूहिक उपवास करके हमले में शहीद सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की. भारतीय सेना के अदम्य साहस व पराक्रम को सलाम करते हुए शहीद सैनिकों के परिवार के प्रति ईश्वर से धैर्य, संयम व साहस प्रदान करने की प्रार्थना की गयी. मौके पर बजरंग दल के जिला संयोजक जितेंद्र प्रताप जीतू, विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री कैलाश विश्वकर्मा, मीडिया प्रभारी पवन प्रताप, सौरभ कुमार भीम, राणा अभिषेक, राजा बजरंगी, विनय भाई ठाकरे, चाणक्य कुमार मुन्ना, अमित, राजकुमार, पिंटू, ऋषभ, राहुल, शत्रुघ्न, जीतू स्वर्णकार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे. इस अवसर पर जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये हुए बुद्धिजीवियों ने भी शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी भावनाएं प्रभात खबर से साझा किया…