साहित्यकारों को कोलकाता में मिला मगही शिखर सम्मान

मगही मगध नागरिक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में गये थे नवादा व गया के साहित्यकार पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी व पूर्व शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल आदि थे अतिथि हिसुआ : नवादा जिले के दो व गया के एक साहित्यकार को कोलकाता में मगही शिखर सम्मान मिला है. मगही मगध नागरिक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन 2016 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2016 6:46 AM
मगही मगध नागरिक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में गये थे नवादा व गया के साहित्यकार
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी व पूर्व शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल आदि थे अतिथि
हिसुआ : नवादा जिले के दो व गया के एक साहित्यकार को कोलकाता में मगही शिखर सम्मान मिला है. मगही मगध नागरिक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन 2016 में ये साहित्यकार बतौर अतिथि वहां आमंत्रित भी थे. हिसुआ के हिंदी-मगही शब्द साधक मंच के सचिव यूके भारती व साहित्यकार व पत्रकार राजेश मंझवेकर तथा गया के टोला-टाटी मगही पत्रिका के संपादक सुमंत को सम्मानित किया गया है. इसके अलावे भोजपुरी की सरोज तिवारी, झारखंड की विनीता मिश्रा को भी सम्मान मिला है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी व पूर्व शिक्षा मंत्री वृषण पटेल अतिथि थे. मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मगही को आठवीं सूची में शामिल करने के लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे. उन्होंने मगही को दर्जा दिलाने के लिए प्रयास की बात कही. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मगही के लिए कुछ नहीं करने की बात कही. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर नीतीश-लालू नौटंकी कर रहे हैं. पूर्व शिक्षामंत्री ने भी मगही के लिए सहयोग करने का आश्वासन दिया और मगही-हिंदी को मां व मौसी बताया. सभी वक्ताओं ने मगध नागरिक संघ के अध्यक्ष व कार्यकर्त्ताओं के कामों की सराहना की और कोलकाता में ऐसे सफल आयोजन के लिए बधाई दी.
मौके पर मगह की आवाज मगही पत्रिका का लोकार्पण भी हुआ. 10वीं व 12वीं में बेहतर करने वाले छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया. बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल के लोगों और संघ के कार्यकर्त्ताओं ने मगही के उत्थान का संकल्प लिया. मौके पर शब्द साधक के सचिव द्वारा रचित मगही नाटक पीये ले छोड़ देलक बिहरिया का मंचन हुआ. बंगाली कलाकारों ने मगही के इस नाटक की जीवंत प्रस्तुति की, जिसकी सराहना मुक्त कंठ से होती रही. आयोजन में उदय शर्मा, केदारनाथ सिंह, सत्यनारायण शर्मा, माणिक चंद्र, चमारी शर्मा, प्रसादी राम, राजेश शर्मा, डॉ. केपी सुधांशु आदि जुटे हुए थे.

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