शहरी सड़कों पर बढ़ती जा रही जाम की समस्या

नवादा नगर : शहर की सड़कों पर अब इ रिक्शा ने अपना प्रभाव बना लिया है. यातायात के इस नये साधन ने आम लोगों के लिए जहां सस्ती सवारी उपलब्ध करायी है, वहीं कई समस्याएं भी आने लगी हैं. जगह-जगह रोककर सवारी चढ़ाने व उतारने के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति बनती है. नये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2016 7:59 AM
नवादा नगर : शहर की सड़कों पर अब इ रिक्शा ने अपना प्रभाव बना लिया है. यातायात के इस नये साधन ने आम लोगों के लिए जहां सस्ती सवारी उपलब्ध करायी है, वहीं कई समस्याएं भी आने लगी हैं. जगह-जगह रोककर सवारी चढ़ाने व उतारने के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति बनती है. नये साधन ने जहां सुविधा बढ़ी है, तो कई समस्याएं भी हो रहीं हैं. इ रिक्शा के बढ़ते प्रभाव को सड़कों पर देखा जा सकता है. कई कंपनियों के इ रिक्शा जिला मुख्यालय के साथ ही प्रखंड स्तर के मार्केट में बेचे जा रहे हैं. बैंक लोन के साथ यह रिक्शा एजेंसियों द्वारा दिलाया जा रहा है, इसका असर है कि आसानी के साथ कम पूंजी लगाकर शिक्षित युवा भी इस काम में उतर रहे हैं.
शहर में अचानक पिछले छह माह में सौ से अधिक इ रिक्शा का परिचालन शुरू हो गया है. लेकिन, निश्चित पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से जहां-तहां चालक इ रिक्शा को लगाते हैं, जो अकसर जाम के कारण बन रहे हैं. आम लोगों के लिए इ रिक्शा अब सस्ता परिवहन उपलब्ध करा रहा है. एक रिक्शा पर पांच से छह सवारी आसानी से बैठ जाते हैं शहर के किसी भी कोने में अधिकतम 10 रुपये खर्च कर लोग पहुंच सकते हैं. इसके लिए हाथ रिक्शा वालों को 30 से 40 रुपये तक देना होता है.
इस कारण यह सवारी लोगों को भा रहा है. सुविधा के साथ कम भाड़ा होने केकारण इसकी डिमांड और बढ़ने की संभावना है. इ रिक्शा के बढ़ते प्रभाव के कारण हाथ रिक्शा चलाने वालों की आमदनी पर असर पड़ा है. कुछ हाथ रिक्शा चलाने वाले इ रिक्शा ले लिये हैं, हालांकि अब भी अधिकतर रिक्शा चालक मुहल्ले के अंदर तक पहुंचाने में सहायक बन रहे हैं. इ रिक्शा के परिचालन के लिए शहर में पार्किंग की व्यवस्था के साथ ही अन्य सुविधाओं के विस्तार की जरूरत है. सड़कों पर जहां तहां सवारी के उतारने चढ़ाने की समस्या बढ़ी है.
इ रिक्शा के लिए कहीं लगाने की व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़कों पर ही जहां तहां इसे लगाना पड़ता है. मुख्य रूप से प्रजातंत्र चौक आदि के पास यह समस्या अधिक हो रही है. किस स्थान से किस स्थान तक कितना भाड़ा होगा, इसका निर्धारण नहीं होने के कारण सवारियों से मनमाना भाड़ा की वसूली भी हो रही है. विभागीय स्तर पर इसके लाइसेंस देने व भाड़ा निर्धारण को लेकर कोई खास पहल होता नहीं दिख रहा है.

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