डाकघर में 14 दिनों से नहीं हो रही रुपये की निकासी, बैंकों में एक-दो दिन के बाद नोटों का दर्शन!
हिसुआ : नोटबंदी से राहत के मामले में बिहार के नवादा जिले के हिसुआ डाकघर बिल्कुल विफल है. नोटबंदी के एक महीना गुजर जाने के बाद जहां बैंकों में कुछ स्थिति सामान्य हुई है, वहीं हिसुआ डाकघर आम ग्राहकों के काम नहीं आ रहा है. यहां 14 दिनों से रुपये की निकासी का काम बंद […]
हिसुआ : नोटबंदी से राहत के मामले में बिहार के नवादा जिले के हिसुआ डाकघर बिल्कुल विफल है. नोटबंदी के एक महीना गुजर जाने के बाद जहां बैंकों में कुछ स्थिति सामान्य हुई है, वहीं हिसुआ डाकघर आम ग्राहकों के काम नहीं आ रहा है. यहां 14 दिनों से रुपये की निकासी का काम बंद है. हिसुआ जैसे क्षेत्र के एक मुख्यालय के डाकघर में 14 दिनों तक नोट का नहीं मिलना बड़ी बात है. इस पर न तो हिसुआ और न तो नवादा डाकघर प्रबंधन कुछ पहल कर रहा है. हालांकि, यहां के बैंकों में एक-दो दिन के बाद लोगों को नोटों का दर्शन करने को मिल जा रहा है.
आम ग्राहकों को रुपये नहीं मिलने पर शुरू-शुरू में तू-तू, मैं-मैं की स्थिति भी हुई, लेकिन बाद में अब ग्राहकों ने भी डाकघर की कार्यशैली से तंग आ गये. माह के आरंभ में पेंशनरों को काफी परेशानी हुई. पेंशनर डाकघर पहुंच कर पेंशन के रुपये निकासी के लिए लौटते रहे. लेकिन, रुपये की निकासी नहीं हुई. हां, उनके खातों में रुपये ट्रांसफर भले कर दिये गये. अब पेंशनर उस ट्रांसफर रुपये की निकासी के लिए दौड़ रहे हैं. इन रुपये से ही उनका दैनिक जीवन चलता है, पर अब तक उन्हें कुछ भी भुगतान नहीं हुआ है.
सुनील कुमार, बाबूलाल प्रसाद, भूषण प्रसाद, समाजसेवी दयानंद शर्मा, मोहम्मद इमरान अहमद, रोहित कुमार, विकास कुमार सहित दर्जनों ग्राहक व हिसुआ वासियों ने डाकघर को ऐसे मौके पर नाकाम रहने की बातें कही और जमकर आक्रोश जताया. मामले पर डाकपाल सुभाष कुमार ने कहा कि हमारे बड़े अधिकारी इस पर अपना व्यक्तव्य देंगे. रुपये नहीं रहने की वजह से भुगतान का काम नहीं हो पाता है. सुपरिटेंडेंट को मोबाइल फोन लगाने पर उधर के कोई जवाब नहीं आया.