पॉलिश किये अनाजों से बनाएं दूरी : सीएस

डीआरडीए सभागार में संसाधन समूह की उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित छह माह तक महिलाएं कराएं स्तनपान नवादा कार्यालय. बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही नवजात को माता का गाढ़ा पीला दूध देना चाहिए. इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता हैं. बच्चे को लगातार छह माह मिलनेवाले माता के दूध से जीवनपर्यंत व्यक्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2016 8:14 AM
डीआरडीए सभागार में संसाधन समूह की उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित
छह माह तक महिलाएं कराएं स्तनपान
नवादा कार्यालय. बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही नवजात को माता का गाढ़ा पीला दूध देना चाहिए. इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता हैं. बच्चे को लगातार छह माह मिलनेवाले माता के दूध से जीवनपर्यंत व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है. लेकिन, महिलाएं स्तनपान से दूर होती जा रही हैं. ये बातें सिविल सर्जन श्रीनाथ प्रसाद ने समाहरणालय स्थित डीआरडीए सभागार में सोमवार को कहीं. सभागार में प्रखंड संसाधन समूह की एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गयी थी. श्री प्रसाद ने बताया कि गलत खान-पान की आदतों से लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हीमोग्लोबिन की कमी से जूझती हैं. प्रसव के दौरान अधिकतर महिलाओं की मौत खून की कमी से होती हैं.
बदलते दौर में पॉलिश किये हुए अनाजों के खानपान में शामिल होने से लोग कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. लोग अपने आहार में दाल, साग, हरी सब्जी, अंडा, मछली, मूंगफली, दूध जैसे भोज्य पदार्थों को शामिल करके खून की कमी को खत्म कर सकते हैं. गर्भवती व सामान्य महिलाएं सहजन के पत्ते व फूल को भी नियमित रूप से आहार में ले. सरकारी अस्पतालों में मिलनेवाली आयरन की गोली भी हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में कारगर साबित होती हैं. संतुलित आहार से व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ रह सकता हैं.
स्तनपान कराने के लिए प्रशिक्षण
कार्यशाला में स्वास्थ्यकर्मियों के क्रमिक क्षमता विकास को लेकर प्रशिक्षण दिया गया. हिसुआ, अकबरपुर, नारदीगंज, रोह, नरहट व सिरदला प्रखंडों की सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, आशा, एएनएम, सेविका आदि को जागरूक करके प्रत्येक परिवार में स्तनपान कराने को लेकर जानकारी उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया. छह माह तक केवल मां का दूध दिया जाना हैं.
बच्चे को सादा व गरम पानी, फल का रस पाउडर का दूध आदि देने से मना किया गया. बोतल से बच्चे को दूध पिलाने से होनेवाले नुकसान की चर्चा भी की गयी. कार्यशाला में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने स्वास्थ्यकर्मियों का मार्गदर्शन किया.

Next Article

Exit mobile version