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सात वर्षों में दुकानदारों को नहीं मिले स्टॉल, खुले में चल रहीं दुकानें
फुटकर मछली विक्रेता प्रशासन से स्टॉल मिलने का कर रहे इंतजार नवादा सदर : जिला प्रशासन की ओर से पिछले सात वर्ष पहले की गयी घोषणा के बाद भी फुटपाथी दुकानदारों को स्टॉल उपलब्ध नहीं हो पाया है. इसके कारण खुरी नदी पुल के नीचे खुले में मछली विक्रेता अपना व्यवसाय करने को मजबूर हैं. […]
फुटकर मछली विक्रेता प्रशासन से स्टॉल मिलने का कर रहे इंतजार
नवादा सदर : जिला प्रशासन की ओर से पिछले सात वर्ष पहले की गयी घोषणा के बाद भी फुटपाथी दुकानदारों को स्टॉल उपलब्ध नहीं हो पाया है. इसके कारण खुरी नदी पुल के नीचे खुले में मछली विक्रेता अपना व्यवसाय करने को मजबूर हैं. 32 फुटकर मछली विक्रेता प्रशासन की ओर से मिलने वाले स्टॉल का इंतजार कर रहे हैं. वर्ष 2009 में तत्कालीन जिलाधिकारी योगेंद्र भक्त ने शहर को सुंदर बनाने के उद्देश्य से मेन रोड में सड़क पर मछली बेचने वाले दुकानदारों को खुरी नदी पुल के नीचे यह कह कर स्थानांतरित किया था कि जल्द ही सभी को स्टॉल उपलब्ध कराया जायेगा. प्रशासन की घोषणा के सात साल बीत जाने के बाद भी फुटपाथी मछली दुकानदारों को स्टॉल उपलब्ध नहीं कराया गया. प्रशासन द्वारा स्टॉल मिलने की आस में आज भी मछली दुकानदार खुले में अपना व्यवसाय कर रहे हैं.
स्टॉल निर्माण के लिए नगर पर्षद को दी गयी थी जिम्मेवारी: तत्कालीन जिलाधिकारी ने फुटपाथी मछली विक्रेताओं के लिए खुरी नदी पुल के नीचे स्टॉल बनाने की जिम्मेवारी नगर पर्षद को दी थी. कुछ दिनों तक इस मुद्दे पर काम होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. जिलाधिकारी के ट्रांसफर होने के बाद स्टॉल निर्माण का कार्य बिल्कुल ही बंद हो गया. सात वर्षों के दौरान कोई चर्चा तक नहीं हुई. प्रशासन की ओर से मेन रोड पर मछली की बिक्री होने व इसके दुर्गंध से लोगों को निजात दिलाने के लिए यह योजना तैयार की थी. आधे से अधिक मछली विक्रेता खुरी नदी पुल के नीचे अपना व्यवसाय चला रहे हैं, जबकि कुछ फुट कर मछली दुकानदार आज भी मेन रोड में ही खुलेआम सड़क किनारे मछली बेच रहे हैं.
स्टॉल बनने से फायदा : प्रशासन की ओर से फुटपाथी दुकानदारों को स्टॉल उपलब्ध कराये जाने पर कई प्रकार के फायदे होंगे. दुकानदारों को प्रतिदिन दुकान लगाने व समेटने की झंझट से मुक्ति मिलेगी. दुकानदारी खत्म होने पर सामान को स्टॉल में ही रख कर घर चले जाते, लेकिन स्टॉल नहीं रहने पर फुटपाथी दुकानदारों को रोज सामान को घर ले जाना पड़ता है और सुबह में घर से फुटपाथ पर लाना पड़ता है. ठंड,गरमी व बरसात में भी दुकानदारों को परेशानी होती है. सभी मौसम में ऐसे फुटपाथी दुकानदार खुले में प्लास्टिक की चांदनी लगा कर काम चलाते हैं.
‘दुकानदारों की समस्याएं सुननेवाला कोई नहीं’
मछली विक्रेता संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार क्रांति कहते हैं कि फुटपाथी दुकानदारों की समस्या को कोई सुनने वाला नहीं है. प्रशासन और जनप्रतिनिधि द्वारा उपेक्षित किये जाने के कारण फुटपाथी दुकानदार खुले में अपना व्यवसाय कर रहे हैं. कई बार मांगों को लेकर प्रशासन व नगर पर्षद को लिखित पत्र भी दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
क्या कहते हैं अधिकारी
खुरी नदी पुल के नीचे फुटपाथी दुकानदारों के लिए स्टॉल बनाने की योजना है. स्टॉल के लिए प्राक्कलित राशि भी तय कर ली गयी है. नगर पर्षद बोर्ड की बैठक में योजना पारित होने के उपरांत काम शुरू हो पायेगा.
कृष्ण मुरारी, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद, नवादा
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