17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक करोड़ से 111 फुट ऊंचा बनेगा मंदिर

उपलब्धि. प्रसिद्ध पर्यटनस्थल बनने की ओर अग्रसर बेरौटा का मां तारा मंदिर जीर्णोद्धार के लिए आज निकलेगी कलशयात्रा दूसरे राज्यों से भी काफी संख्या में आते हैं श्रद्धालु नवादा/नरहट : प्राचीन मां तारा मंदिर काे भव्य बनाने के लिए नौ मार्च को मंदिर का शिलान्यास किया जायेगा. इसको लेकर एक मार्च से नौ मार्च तक […]

उपलब्धि. प्रसिद्ध पर्यटनस्थल बनने की ओर अग्रसर बेरौटा का मां तारा मंदिर
जीर्णोद्धार के लिए आज निकलेगी कलशयात्रा
दूसरे राज्यों से भी काफी संख्या में आते हैं श्रद्धालु
नवादा/नरहट : प्राचीन मां तारा मंदिर काे भव्य बनाने के लिए नौ मार्च को मंदिर का शिलान्यास किया जायेगा. इसको लेकर एक मार्च से नौ मार्च तक श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ की शुरुआत होगी. पहले दिन बुधवार को कलशयात्रा निकाली जायेगी. जानकारी के अनुसार कभी पीपल का पेड़ माता की रक्षा करता था. पेड़ के कोटर में मां विराजती थीं. पीपल के जड़ में मंदिरनुमा कोटर था. विस्मय व आश्चर्य से वशीभूत भक्त माता के प्राकृतिक सौंदर्य का दर्शन करते थे. भक्तों की इच्छा थी कि मनोकामना पूरी करनेवाली मां तारा भव्य मंदिर में विराजमान होती. अंततः माता ने भक्तों की यह भी मनोकामना पूरी कर दी. पिछले दशहरा में विशाल पीपल का पेड़ सूख कर गिर गया. अब भक्त माता के भव्य मंदिर बनाने की तैयारी में हैं. नरहट प्रखंड के बेरौटा स्थित मां तारा के ऐतिहासिक मंदिर में विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु पहुंचते हैं. लोगों का उम्मीद है कि मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तों का जुटान होगा. इसके लिए मां तारा मंदिर निर्माण सह विकास समिति द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. मंदिर आस्था के साथ अपनी अद्भुत सुंदरता का केंद्र भी है.
शिलान्यास पर पहुंच रहे नामी-गिरामी संत
नौ मार्च को आयोजित मंदिर शिलान्यास सह हिंदू सम्मेलन पर देश के प्रसिद्ध वक्ता व संत पहुंच रहे हैं. कार्यक्रम में वृंदावन के .संत राघवेंद्राचार्यजी महाराज भागवत परायण कथा व यज्ञ करायेंगे.देशभक्त हिंदू बालिका साध्वी सरस्वती के ओजस्वी शब्दों से मंदिर प्रांगण गूंजेगा. शिलान्यास में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह भी भक्तों को संबोधित करेंगे. इस ऐतिहासिक क्षण पर जिले के सभी लोगों को शामिल होने की अपील मंदिर निर्माण सह विकास समिति कर रही है. धार्मिक अनुष्ठान को लेकर तमाम तैयारी पूरी कर ली गयी है.
महाराष्ट्र के शिल्पकार करेंगे कामकाज की देखरेख
प्राचीन मंदिर के अवशेष को हटा कर भव्य व विशाल मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो रहा है.लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से 111 फुट ऊंचा मंदिर का निर्माण होना है. इसके लिए महाराष्ट्र से शिल्पकार बुलाये गये हैं. प्रवेश द्वार, मंडप व गर्भगृह की अद्वितीय नक्काशी इसकी पहचान होगी. शिल्पकला के अद्भुत कलाओं से यह प्रदेश में आस्था के साथ पर्यटन का एक केंद्र बन कर उभरेगा. विभिन्न राज्यों के कलाकार इसकी वास्तुकला में चार चांद लगायेंगे.
प्राचीन मां तारा मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए पहल की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के साधु साध्वी शिलान्यास कार्यक्रम में आ रहे हैं. मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय होगी. प्रदेश भर में यह अपनी अद्भुत सुंदरता के कारण पर्यटन का केंद्र बनेगा.
प्रो. विजय कुमार, अध्यक्ष, मंदिर निर्माण सह विकास समिति
मंदिर सदियों से आस्था का केंद्र रहा है. इसके निर्माण में सहभागी बन कर हम भी इतिहास के साक्षी बन रहे हैं. समिति श्रद्धालुओं के आस्था को ध्यान में रखते हुए मंदिर को अतिविशिष्ट शैली में निर्माण करा रही है. शिलान्यास कार्यक्रम में दूसरे राज्यों से भी भक्त आ रहे हैं. सदस्य तत्परता से व्यवस्था में जुटे हैं.
डॉ रामरतन सिंह, उपसचिव, मंदिर निर्माण सह विकास समिति
मां तारा के अद्भुत मंदिर निर्माण में विश्व हिंदू परिषद भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है. साध्वी सरस्वती के उद्बोधन सह शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं. इस दिन जिले भर के भक्तों की भीड़ उमड़ेगी. इसके लिए प्रबंधन व व्यवस्था की भरपूर तैयारी जारी है.
राजकुमार गुप्ता, जिलाध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद
सनातन धर्मावलंबियों के लिए नौ मार्च का दिन ऐतिहासिक होगा. मां तारा मंदिर शिलान्यास में विभिन्न प्रखंडों से सैकड़ों बजरंगी युवा इसमें शामिल होंगे. साध्वी सरस्वती के स्वागत की भी वृहद तैयारियां की जा रही हैं. मंदिर परिसर में भगवा ध्वज व माता के जयकारों के बीच शिलान्यास कार्यक्रम कराने की तैयारी चल रही है.
जीतेंद्र प्रताप, जिला संयोजक,बजरंग दल

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें