1000 में अंगरेजी व 80 रुपये में देशी शराब!
गांवों की गलियों व जंगली क्षेत्रों में खुलेआम हो रहा शराब का धंधा रजौली : क्षेत्र में अंगरेजी व देशी शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है. शहर के मुहल्ले व गांव की गलियों में जब चाहें, शराब मिल जायेगी. एनएच 31 के सिमरकोल, रजौली बाइपास, हरदिया से सटे गांवों में शराब बेचे जाने के […]
गांवों की गलियों व जंगली क्षेत्रों में खुलेआम हो रहा शराब का धंधा
रजौली : क्षेत्र में अंगरेजी व देशी शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है. शहर के मुहल्ले व गांव की गलियों में जब चाहें, शराब मिल जायेगी. एनएच 31 के सिमरकोल, रजौली बाइपास, हरदिया से सटे गांवों में शराब बेचे जाने के कई ठिकाने हैं. रजौली बाजारों में पुरानी बस स्टैंड, कलाली गली, डीह रजौली आदि मुहल्ले में देशी व विदेशी शराब की बिक्री होती है. क्षेत्र के अधिकांश मुहल्ले में डिलेवरी ब्वॉय द्वारा मनचाहे जगहों पर शराब पहुंचायी जा रही है.
1000-1200 रुपये तक में 750 एमएल की रॉयल स्टेग या इंपिरियल ब्लू ब्रांड की शराब उपलब्ध करायी जा रही है. देशी शराब 200 एमएल के पाउच 70 से 80 रुपये में उपलब्ध है. भंड़रा, जोगियारण, मंझला, लक्ष्मीबिगहा, मंधर, मोहकामा, मुढ़ेना, फरका, धमनी, चपहेल, हरदिया, सुअरलेटी, चमरबिगहा,कुंहरूआ, चितरकोली, परतापुर, फुलवरिया, रमडीहा के अलावा जंगली क्षेत्रों में महुआ शराब का धंधा होता है. इन गांवों में शराब पीकर नशेड़ी शाम को झूमते नजर आते हैं. बावजूद प्रशासन मौन है. सूत्रों की मानें, तो इसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत है. उन्हें मोटी रकम देकर धंधेबाज शराब का धंधा कर रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारी कभी-कभी छापामारी कर खानापूर्ति कर देते हैं.