गोविंदपुर.
थाना क्षेत्र की गोविंदपुर पंचायत के हरनारायणपुर गांव के महादलित बस्ती में 11 वर्षीय बालक की सुप्त अवस्था में विषैले सांप के काटने से मौत हो गयी. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. घटना की जानकारी मिलते ही सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गयी. स्थानीय मुखिया अनुज सिंह भी मृतक के घर पहुंचे. उनके परिजनों को ढांढ़स बंधाया. वहीं, मृत बालक के अंतिम संस्कार के लिए नकग राशि दी. मृतक बालक की पहचान स्वर्गीय ब्रह्म राजवंशी के 11 वर्षीय पुत्र सतीश कुमार के रूप में की गयी है. परिजनों ने बताया कि सतीश कुमार अपने चार साथियों के साथ घर के बगल एक दलान में सोया हुआ था. तीन साथी चारपाई के ऊपर और वह नीचे सोया हुआ था. जबकि उसके सभी साथियों ने उसे भी साथ में चारपाई पर ही सोने को कहा था, पर वह जमीन पर ही सो गया और रविवार सुबह लगभग 4:00 बजे उसके हाथ में एक विषैले सर्प ने काट लिया. सर्प के काटते ही उसे नजदीक के सीएचसी गोविंदपुर लाया गया, जहां डॉक्टर के द्वारा प्रथम उपचार करने के बाद स्थिति नाजुक बने रहने के कारण उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया, जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी. बताया जाता है की मौत के बाद सदर अस्पताल से बालक को उसके परिजन घर ले आये और जीवन होने की आश को लेकर उसे दिखाने आसपास भी ले गये, परंतु सभी ने उसे मृत ही कहा. वहीं स्थानीय मुखिया अनुज सिंह ने उस महादलित निर्धन परिवार को समझा बुझाकर सर्प दंश से मौत के बाद मिलने वाले आपदा के तहत सरकारी मुआवजे को लेकर शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पुनः सदर अस्पताल भेजा.बुढ़ी मां का सहारा था सतीश:
बताया जाता है कि मृत किशोर के पिता की 10 वर्ष पूर्व ही मौत हो चुकी है. मृतक सतीश कुमार अपने विधवा मां के साथ घर पर रह रहा था. बालक मां के कार्यों में हाथ बटाता था. उसकी मां जंगलों से लकड़ियां व मौसमी कंदमूल लाकर बाजार में बेचकर बच्चों का परवरिश कर रही थी. घटना के बाद मृतक की 50 वर्षीय मां उषा देवी रोते-बिलखते कर रही थी कि अब मेरे कार्यों का सहारा कौन बनेगा. जब मैं जंगल जाती थी, तो मना करने के बावजूद मेरे पीछे-पीछे वह भी चला आता था और मेरे सिर का बोझ वह अपने ऊपर ले लेता था. यह कहते-कहते उसकी मां बेसुध हो जा रही थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है