168 पन्नों का कस्टमर डाटा, 34 मोबाइल और एक लैपटॉप हुआ बरामद

गिरफ्तार 11 साइबर अपराधियों से पुलिस ने पूछताछ कर दी जानकारी

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2024 10:27 PM

नवादा कार्यालय.

वारिसलीगंज का इलाका साइबर ठगी गिरोह का केंद्र बन चुका है. गठित एसआइटी ने प्रतिबंधित पोर्टल पर उपलब्ध साइबर क्राइम कर रहे नंबरों की तकनीकी साक्ष्य के आधार पर छापेमारी की. इस दौरान थाना क्षेत्र के अपसढ़ गांव की पूर्व बगीचे से 11 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की गयी. इसके पास से एक लैपटॉप, 34 मोबाइल व 168 पन्नों की कस्टमर डाटा बरामद किया गया है. इसके आलवा विभिन्न प्रांतों से ठगी का लेखा-जोखा लिखे एक डायरी बरामद हुआ है. पूछताछ में बताया है कि घनी फाइनेंस इंडिया बुल्स के नाम पर सस्ते दर पर लोन दिलाने की नाम पर आम लोगोें से ठगी करते थे. साइबर थाना के थानाध्यक्ष सह पुलिस उपाधीक्षक प्रिया ज्योति ने पुलिस कार्यालय में प्रेसवार्ता कर बताया कि एसपी अंब्रीश राहुल के निर्देश पर एसआइटी गठित कर छापेमारी की गयी. सूचना के आधार पर अपसढ़ गांव के बाहर बगीचे को पुलिस की टीम घेराबंदी की. करीब 20-25 की संख्या में छोटी-छोटी टोली बनाकर बैठे हुए थे. पुलिस की घेराबंदी देख भागने लगा जिसे पुलिस ने खदेड़कर करीब 11 साइबर अपराधी पकड़े गये. मौका पाकर कई साइबर अपराधी भाग निकले. उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. नालंदा का भी एक साइबर अपराधी शामिल:

गिरफ्तार साइबर अपराधियों में वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के अपसढ़ गांव निवासी रामाशीष सिंह के बेटे राजाराम कुमार, अशोक सिंह के बेटे अविनाश कुमार, अरुण सिंह के बेटे संतोष कुमार, परमानंद सिंह के बेटे लखन कुमार, विकास सिंह के बेटे कृष्णा कुमार, मनोज सिंह के बेटे धर्मेंद्र कुमार, अरविंद कुमार के बेटे सिद्धार्थ शंकर, कपिलदेव सिंह के बेटे बिट्टू कुमार व शाहपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी बौधु साव के बेटे पप्पू साव, नेपुरा गांव निवासी सुधीर सिंह के बेटे भास्कर कुमार, नालंदा जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र के पावा गांव निवासी दानु प्रसाद के बेटे अजय कुमार शामिल है. साइबर पुलिस उपाधीक्षक प्रिया ज्योति ने बताया कि सभी गिरफ्तार अपराधियों के विरोध में बरामद विभिन्न साइबर दस्तावेज के आधार पर साइबर थाना कांड स.49/24 में आइटी एक्ट व साइबर क्राइम की तहत विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

साइबर अपराधियों पर नकेल कसने की जरूरत:

गौरतलब है कि वारिसलीगंज इलाके साइबर अपराध की गढ़ बन गया है. इसमे से वारिसलीगंज, पकरीबारावां, शाहपुर, काशीचक व शेखपुरा जिले के शेखूपुर सराय, नालंदा जिले के कतरीसरय थाना क्षेत्र में साइबर गांव गांव में फैला हुआ है. ऐसे जिले के अन्य क्षेत्रों में धीरे धीरे साइबर अपराध अपना पांव पसार रखा है. इस पर अंकुश लगाना शासन तथा प्रशासन की एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. अगर कहे तो इन दिनों यह इलाका झारखंड की जामताड़ा को भी पीछे छोड़ रखा है. साइबर अपराधियो ने भोले-भाले लोगों को मोबाइल पर कॉल कर फंसता है. फंसने के तुरंत बाद विभिन्न तरह की प्रलोभन देकर अपनी जाल में फंसा कर रुपये ऐंठ लेता है. कीमती इमारत तथा चमचमाती कार साइबर अपराधियों की पहचान बताता है, जिसके कारण यह साइबर की कुनबा रुकने की बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस साइबर अपराधी पर अंकुश के लिए सरकार को कोई नए तरीके ढूंढने पड़ेंगे.

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