नवादा कार्यालय. व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी. इसमें पक्षकारों के सुलह के आधार पर वादों का निष्पादन किया गया. कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत दीप जलाकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार आशुतोष कुमार झा, डीएम सह उपाध्यक्ष आशुतोष कुमार वर्मा ने की. राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय न्यायालय आधारित कुल 289 मामलों का निष्पादन किया गया. प्री लिटिगेशन के 661 वित्तीय मामलों का निष्पादन किया हुआ. इस प्रकार व्यवहार न्यायालय में कुल 950 मामलों का निष्पादन किया गया. लोगों को मिला लाभ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नयी दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश पर लोक अदालत आयोजित की गयी. जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव कुमारी सरोज कीर्ति के सहयोग से व्यवहार न्यायालय परिसर में आयोजित लोक अदालत में संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि लोक अदालत से कोई भी पक्षकार निराश होकर नहीं लौटे. डीएम ने संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत वर्ष में चार बार आयोजित की जाती है. इसका उद्देश्य स्पष्ट है कि बिना फी के सुलह व बातचीत के माध्यम से अधिक से अधिक वादों का निष्पादन हो. सचिव कुमारी सरोज कीर्ति ने बताया कि लोक अदालत न्यायालय के बोझ को कम करने का सरल तरीका है. इस लोक अदालत में सभी वादों का सुलहनीय तरीके से निष्पादन किया जाता है. कोई भी वादी-प्रतिवादी निराश नहीं लौटते हैं. न्यायायिक अधिकारी रहे मौजूद: प्रभारी पदाधिकारी बैंक शाखा नवीन कुमार पांडेय, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, नवादा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नवादा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं न्यायायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी तथा पैनल अधिवक्ता, पारा विधिक स्वयं सेवक एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के समस्त कर्मचारी आदि कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान किया.
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