ऑनलाइन रसीद कट रही है, तो किसी तरह के कागजात दिखाने की जरूरत नहीं
जमीन सर्वेक्षण को लेकर विभाग ने दिये निर्देश

नवादा नगर. अगर पैतृक संपत्ति का नया खातियान तैयार करवाना है, तो सभी रैयत जमीन के मालिक आपसी सहमति से बंटवारे का शेड्यूल बनाकर देते हैं, तो जमीन सर्वे के दौरान ही यह काम आसानी से हो जायेगा. जिले में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के जरिये मौरूसी संपत्ति अथवा पुश्तैनी जमीन के बंटवारे को लेकर चल रही समस्या खत्म हो सकती है. बंटवारे पर अब तक सहमति नहीं बन पायी, तो रैयतों के लिए जमीन सर्वेक्षण एक मौके के समान है. इसके जरिये वे अपनी पुश्तैनी संपत्ति का बंटवारा करके खातियान भी बनवा सकते हैं. अगर पारिवारिक जमीन का शेड्यूल बनाकर सभी पक्ष हस्ताक्षर करके आवेदन देते हैं, तो जमीन सर्वे के दौरान ही बंटवारे को भी मान्यता मिल जायेगी और नया खतियान नये बंटवारे के हिसाब से बन जायेगा. जिले में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है. इसको लेकर अभी भी लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. इन सबके बीच सीओ विकेश कुमार सिंह ने बताया कि जो जिस जमीन पर रह रहे हैं, जिनका कब्जा जिस जमीन पर है और उसका ऑनलाइन रसीद कट रही है, तो उनको किसी तरह के कोई कागजात दिखाने की जरुरत नहीं. जब ऑनलाइन रसीद कट रही है और जमीन पर आपका कब्जा है. इन्होंने बताया कि www.bhuabhilekh.bih.gov.in. इससे सभी अंचल का नकल निकल सकता है. विशेष सर्वे अमीन को सरकार के द्वारा निर्देश दे दिया है कि उनको किसी तरह का कोई कागजात मांगने की जरुरत नहीं है. उनकी जमीन का सीमांकन कर सर्वे में जो रिकॉर एप पर पढ़ें उनका नाम डाल दिया जाए, तो अगर आपके पास भा अपनी जमीन की ऑनलाइन रसीद है, तो आपको भी किसी तरह के कागज दिखाने की जरूरत नही पड़ेगी. उन्होंने कहा कि 72 फीसद मामलों में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है, और कोई दिक्कत नहीं है. जो जमीन कब्जा में है, उसका रसीद कट रही है. ऐसे जमीन मालिकों को किसी तरह की कोई परेशानी सर्वे के दौरान नहीं होगी. बहुत लोग बोलते हैं कि उनकी पुस्तैनी जमीन का बंटवारा नहीं हुआ है और आपसी सहमति से जमीन का उपयोग कर रहे हैं, तो उन्हें भी कोई परेशानी नहीं होगी. जो लोग अगला बिहार से बाहर दूसरे राज्यों दिल्ली, पंजाब या अन्य का लेख रह रहे हैं, उनके मन में यह आशंका हो गया है कि ऐसा तो नहीं कि सर्वे में जो हमारी जमीन है, जो वंशावली के तहत मिली है या किसी कारण से आपस में बंटवारा नहीं कर पाये हैं तो फिर उसका सर्वे में होगा क्या? लेकिन चौकन्ने तरह से निश्चिंत रहें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है