नरहट (नवादा). घर को स्वर्ग बनाने का काम नारी करती है. नारी का हमेशा सम्मान करें. वेदों की मर्यादा कहती है. बेटी, बहू, पत्नी सभी का सम्मान होनी चाहिए. माताएं को भी पुरुष का सम्मान करना चाहिए. उक्त बातें राजाबिगहा गांव में आयोजित नौ दिवसीय श्री सीताराम महायज्ञ में श्रद्धालिओं को संबोधित करते हुए कथा ब्यास देवी चित्रलेखा ने कहीं. उन्होंने बेटी बचाओ पर बल देते हुए कहा कि नवरात्रि में बेटियों की पूजा करते हो अगर बेटी नहीं रहेगी, तो किस कन्या का पूजन करोगे. ठाकुर जी जिसको जन्म देते हैं, उसका पालन भी करते हैं. उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि कई लोग सोचते हैं कि कथा में आज नहीं कल जायेंगे. कल किसने देखा है. अगर आप को भगवान की जरूरत पड़ी, तो भगवान भी समय देखेंगे. इसलिए आप सभी सच्चे मन से भगवत भक्ति जरूर करें. उन्होंने कहा की जिस तरह शरीर सुधि के लिए स्नान जरूरी है. उसी तरह मन सुधि सफाई के लिए भगवान की भक्ति भजन जरूरी है. उन्होंने महिलाओं को बताया कि सबसे पहले सुबह नित क्रिया के बाद स्नान करें. स्नान के बाद ही भोजन बनाएं. पवित्र मन से बनाया हुआ भोजन प्रसाद बन जाता है. ईश्वर की भक्ति करने से घर में सुख-शांति आती है. यज्ञ में काफी संख्या में श्रद्धालु कथा प्रवचन श्रवण के लिए पहुंच रहे हैं. बीच बीच में भजन संगीत से श्रोता झूम उठते हैं. कथा प्रवचन के बाद रासलीला का भी मंचन किया जा रहा है. सुबह से यज्ञवेदी में फेरी देने वाली महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है. प्रति दिन सैकड़ों की संख्या में महिलाएं यज्ञवेदी में पूजा अर्चना कर फेरी देने का काम कर रहे हैं. ग्रामीणों द्वारा यज्ञ में श्रद्धालिओं को कोई असुविधा न हो इसका ख्याल रख रहें हैं. प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गयी है. यज्ञ तीन मई तक चलेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है