सिरदला. शुक्रवार को रहस्मय तरीके से गाड़ी समेत लापता हुए तीनों भाइयों के मामले में रोज नये-नये खुलासे सामने आ रहे हैं. कयासो और अटकलो के बाजार में हो रही तरह-तरह की चर्चाओ में दो तीन बातों को लेकर इतना तो कंफर्म हो ही गया कि लापता हुए तीनों भाइयों और सिरदला थाने में बरामदगी की शिकायत दर्ज कराने वाली परिजनों में से कोई एक झूठ का सहारा ले रखा है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि परिजनों के अनुसार, गाड़ी समेत लापता हुए तीनों भाई पटना से लौटने के दौरान गायब हुए हैं. जबकि, पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार, पुलिस की शुरुआती जांच से ही स्पष्ट हो गया कि तीनों भाई जब पटना पहुंचे हीं नहीं, तो फिर परिजन देर रात पटना से लौटने की बात कैसे बता रहे है. पुलिस की तकनीकी अनुसंधान में गाड़ी समेत तीनो भाई का लास्ट लोकेशन यूपी के वाराणसी में पाया गया न कि पटना में. 18 अक्तूबर को तीनों भाइयों का लोकेशन कभी पटना में था ही नहीं. दूसरी बात यह रही की लापता हुए शेरपुर निवासी मोजीबुल हक के तीनो पुत्रों ने गांव घर की भोली भाली गरीब अनपढ़ महिलाओ को झांसा देकर या फिर कहें बहला फुसला कर बड़ी संख्या में लोन की रकम कर्ज के रूप में ले रखा था. ऐसे में ऋणी महिलाओ की संख्या कितनी है और महिलाओे से कितनी रकम कर्ज के रूप में तीनों भाइयो ने उठा रखा है कहना मुश्किल है. लेकिन, कयासो के बाजार में रकम करोड़ों में बतायी जा रही है. झांसे के शिकार महिलाओं ने थाने में आवेदन मंगलवार को सिरदला थाने में जिले के सिर्फ गोविंदपुर की सैकड़ों महिलाओ ने लिखित शिकायत की है. आवेदन के अनुसार, सिर्फ गोविंदपुर ब्लॉक की महिलाओं से लिये कर्ज का आंकडा करीब एक करोड़ के आसपास है. ऐसे में जिले के सिरदला, रजौली, मेसकौर, नरहट, अकबरपुर, पकरीबरावां, वारिसलिगंज, हिसुआ आदि प्रखंडो की कितनी संख्या में ऋणी महिलाओं का कर्ज होगा. इसका अनुमान या आकलन करना काफी मुश्किल है. लापता तीनों भाइयो के घर पहुंचे कई बैंक के फाइनेंस कर्मी आइडीएफसी के अतुल, रजनीश सहित बजाज फाइनसर्व, आरोहण आदि ने साफ सुथरा लहजा में बताया कि उनका और तीन भाइयों की दुकान लाइफ स्पेस का टाईअप था. इसके कारण तीनों भाई ही महिलाओ को लोन दिलवाता था. फिर लोन की रकम कर्ज के रूप में रख हजार दो हजार मासिक रकम के साथ साथ लोन का किस्त भी जमा करता था. अब बैंक अपने ग्राहक को जानती है क्योंकि उसका ही कागजात बैंक के पास उपलब्ध है. पासपोर्ट मिलने के बाद विदेश जाने की बात पर लगी विराम: मंगलवार को लापता हुए तीनों भाइयों के परिजनों द्वारा पासपोर्ट प्रस्तुत किया गया. इससे उन बातों पर विराम लग गया कि मोटी रकम लेकर तीनों भाई विदेश निकल गये हैं. वैसे तो बगैर पासपोर्ट के तीनों भाई देश तो नहीं छोड़ सकते हैं. बावजूद पुलिस सभी पहलुओ को ध्यान में रख कर अनुसंधान कर रही है. पिछले पांच दिनों से वाराणसी मे कैंप कर रही नवादा पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में गठित एसआइटी तकनीकी अनुसंधान के साथ साथ एयरपोर्ट, पासपोर्ट कार्यालय और दुतावास से भी जानकारी प्राप्त करने मे जुटी हुई है. पुलिस सूत्रों मुताबिक, मंगलवार को नवादा पुलिस की एसआइटी को लापता भाइयों के बारे में कुछ मजबूत लीड हाथ लगी ह, जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है की बहुत जल्द ही नवादा पुलिस मामले का खुलासा करेगी. लापता भाइयों का यूपी कनेक्शन तीनो लापता भाईयो के मामले में लापता गाड़ी यूपी के वाराणसी शहर के रोहनिया थाना क्षेत्र के शाहवाबाद इलाके स्थित दरेखु मोड़ हाइवे के सर्विस लेन पर लावारिस अवस्था में बनारस पुलिस ने बरामद किया है. इसके अलावा तफ्तीश मे यह बातें भी निकल कर सामने आयी है कि गाड़ी खरीदने के बाद से तीनो भाइयों का यूपी दौरा लगातार हो रहा था. पिछले 12 जून को वाराणसी से जौनपुर होते हुए आजमगढ़ तथा आजमगढ़ से गोरखपुर जाने के क्रम मे सीसीटीवी फुटेज में लापता भाई गाड़ी समेत पाये गये हैं.
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