रजौली. वन क्षेत्र अंर्तगत सवैयाटांड़ पंचायत के झलकडीहा गांव से वन विभाग की टीम ने गश्ती के दौरान अवैध अबरक खनन कर ले जा रहे कमांडर जीप को जब्त किया. वनों के क्षेत्रिय पदाधिकारी मनोज कुमार के नेतृत्व में कार्रवाई की गयी. जब्त अबरक लदी कमांडर जीप को वन परिसर रजौली में रखा गया है. वनों के क्षेत्रिय पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि वन प्रमंडल नवादा के वन संरक्षण पदाधिकारी संजीव रंजन के निर्देशानुसार प्रत्येक दिनों की भांति वन विभाग के वनपाल व वनरक्षी टीम गठित कर गश्त पर थी. इस टीम में वनपाल पंकज कुमार व रवि कुमार के साथ वनरक्षी सुग्रीव कुमार, संजीत कुमार, संजय कुमार, रंजन कुमार, सुनील कुमार चौधरी आदि शामिल थे. कमांडर जीप की जांच के दौरान 11 बोरे अबरक भरा बरामद हुआ. वनों के क्षेत्रीय पदाधिकारी ने बताया कि गश्ती टीम को देखकर अबरक कारोबारी कमांडर जीप को छोड़कर जंगल के रास्ते भाग निकला. हालांकि इनकी पहचान कर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. वनों के क्षेत्रिय पदाधिकारी ने बताया कमांडर जीप को अबरक समेत जब्त कर रजौली स्थित वन परिसर में रखा गया है. प्रतिबंधित अबरक उत्खनन करने व वन अधिनियम के तहत वाहन मालिक वह चालक के ऊपर प्राथमिक की दर्ज करायी गयी है. दर्ज प्राथमिक की के आलोक में अग्रसर कानूनी कार्रवाई में वन विभाग की टीम जुट गयी है. कागजों में बंद है, पर चलता है खदान गौरतलब हो कि रजौली वन क्षेत्र में अबरक खनन कागजों में तो बंद है, लेकिन सवैयाटांड़ पंचायत में आज भी दर्जनों अबरक खदान संचालित किये जा रहे है. जहां पर प्रत्येक दिन मजदूरों द्वारा अबरक चुनने का कार्य किया जाता है. इसे बाद में माफियाओं द्वारा अबरक खरीद कर कोडरमा सहित बंगाल तक पहुंचाया जाता है. मजदूरों से यह दलाल पांच से 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अबरक की खरीदारी करते हैं. यही अबरक बाजार में 200 से 300 रुपये प्रति किलो तक बेचा जाता है. सवैयाटांड़ के इलाके में अबरक प्रचुर मात्रा में हैं. पर्यावरण कारणों से यहां की खदाने पिछले दो ढाई दशक से वैध रूप से बंद है, लेकिन इसका अवैध धंधा यहां जंगलों और पहाड़ी क्षेत्र में निरंतर जारी है. इस क्षेत्र से न सिर्फ अबरक का अवैध खनन किया जा रहा है. बल्कि, अबरक को डंप कर इसकी तस्करी विदेश तक की जा रही है और यह पूरा कारोबार संगठित तौर पर हो रहा है. बड़ी बात है कि इस अवैध धंधे के दरमियान गरीबों की मौत भी हो रही है. लेकिन इसकी जानकारी के बाद सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.
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