जिले के सात बालू घाटों पर खनन बंद

सीसीटीवी कैमरे बंद पाये जाने के बाद की गयी कार्रवाई

By Prabhat Khabar News Desk | June 7, 2024 10:08 PM

सीसीटीवी कैमरे बंद पाये जाने के बाद की गयी कार्रवाई

नवादा कार्यालय. जिले के बालू घाटों पर सीसीटीवी कैमरों को बंद कर धड़ल्ले से अवैध खनन का कार्य किया जा रहा था. इसकी पुष्टि खुद विभाग ने जांच के बाद की है. कई बालू घाटों पर लगाये गये सीसीटीवी कैमरों को बंद पाया गया है. इसके बाद सात घाटों पर खनन का कार्य बंद करने का आदेश दिया गया है. पहली बार राज्य मुख्यालय से इस तरह की कार्रवाई होने के बाद लापरवाही करने वाले बालू घाट ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है. राज्य मुख्यालय से की गयी कार्रवाई के अनुसार, इन सभी बालू घाटों पर पांच जून की दोपहर जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे को बंद पाया गया है. इसकी जानकारी विभागीय कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद हुई. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए खनन विभाग के सचिव ने सात बालू घाटों पर तत्काल प्रभाव से इ चालान सीसीटीवी कैमरों के चालू होने तक बंद करने का निर्देश दिया है.

कैमरे चालू होने तक नहीं कटेगा इ-चालान

इ-चालान तत्काल प्रभाव से काटना बंद कर दिया गया है. इन सभी को चेतावनी दी गयी है कि जब तक सीसीटीवी कैमरा चालू नहीं होगा, तब तक बालू खनन इन सभी घाटों पर बंद रहेगा. राज्य मुख्यालय से इसकी रिपोर्ट जिला खनिज विकास पदाधिकारी से मांगी गयी है. रिपोर्ट मिलने के बाद दोबारा इन सभी बालू घाटों को चालू किया जायेगा. ऐसे, इस मामले पर खनन विभाग कुछ भी बताने से मुकर रहा है. लेकिन, इतना बताया है कि मुख्यालय स्तर से कार्रवाई की गयी है. सीसीटीवी कैमरे चालू होने बाद ही इ-चालान काटने की अनुमति दी जायेगी.

नियम और शर्तों की अनदेखी

बता दें कि जिले में करीब 22 महीनों के बाद पिछले कुछ माह से करीब सात बालू घाटों से बंदोबस्ती धारकों की ओर से बालू का उठाव किया जा रहा था. इसमें सकरी नदी के करनपुर बालू घाट, लखमोहना बालू घाट, जमुआवां पटवा सराय, सुल्तानपुर बालू घाट तथा खुरी नदी के ननौरा बालू घाट के साथ नाटी नदी के मारपो बालू घाट, पंचाने नदी के प्रतापपुर बालू घाट से बालू उठाव की अनुमति दी गयी थी. लेकिन, खनन विभाग ने बालू उत्खनन करने को लेकर कई शर्त भी रखी थी. इसी के तहत हर बालू घाट के सीमा क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरा लगाना था, जिसका सीधा संपर्क मुख्यालय से रहना चाहिए था. लेकिन, ठेकेदारों की ओर से नियम व शर्तों की अनदेखी कर बालू का उत्खनन किया जा रहा था.

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