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बिहार-झारखंड सीमा पर बदमाशों ने युवक को जिंदा जलाया, जानें पुलिस क्यों दर्ज नहीं कर रही थी FIR

बिहार-झारखंड की सीमा पर एक युवक को जिंदा जला कर मार डाला गया है. घने जंगल से उसका शव बरामद हुआ है. बदमाशों ने उसकी बाइक भी जला दी है. सीमा तय नहीं होने के कारण FIR दर्ज होने के देरी हुई.

By Ashish Jha | May 10, 2024 6:52 AM
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नवादा. बिहार-झारखंड की सीमा पर घने जंगल में एक युवक को जिंदा जला दिया गया है. बदमाशों ने उसकी बाइक भी जला दी है. युवक का जला हुआ शव देख इलाके में सनसनी फैल गई. मृतक की पहचान झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र के डूमरझारा गांव निवासी सोमर साव के पुत्र मुकेश कुमार के रूप में हुई है. वह कपड़े की फेरी का काम करता था. मृतक के चचेरे भाई राजकुमार साव के अनुसार, सीमा विवाद में न तो नवादा जिले के कौआकोल थाना की पुलिस सहयोग कर रही है और न ही गिरिडीह जिले की पुलिस सहयोग कर रही है. काफी देर बाद यह तय हुआ कि जिस जगह से शव मिला है. वह नवादा जिले के कौआकोल थाना क्षेत्र के अंदर में आता है. इस घटना पर कौवाकोल थाना प्रभारी दीपक कुमार ने कहा कि परिवार के लोग का कहना था कि यह घटना बिहार में हुई है. इसके बाद हम लोगों ने देखा कि इन परिवार के लोग नहीं माने तो शव को कब्जे में ले लिए. FIR दर्ज की गई है. मामले की जांच की जा रही है.

मृतक के परिजन ने बताई पूरी वारदात

पीड़ित परिजन ने कौआकोल थाना क्षेत्र के झरनवां गांव के एक शख्स पर वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया है. स्थानीय मीडिया से बात करते हुए मृतक के भाई राजकुमार साव का कहना है कि बिजनेस को लेकर कुछ दिन पहले मुकेश व उसके बीच विवाद हुआ था. उसने ही उसके भाई की हत्या की है. उन्होंने बताया कि उसका भाई मुकेश और एक छोटा भाई छोटू साव कौआकोल थाना क्षेत्र के दनियां गांव जाने की बात कह कर घर से निकले थे. तभी झरनवां गांव के शख्स ने दोनों भाई को पकड़ लिया. हालांकि छोटा भाई किसी तरह उसके चंगुल से भाग निकला और घर आकर पूरी आपबीती बताई, जिसके बाद परिवार के सदस्य मुकेश को खोजते हुए जंगल की तरफ पहुंचे. तीन-चार घंटे तक जंगल में भटकने के बाद भाई का शव बरामद हुआ. उसके शरीर को पेट्रोल और पत्तों से जला दिया गया था. उसकी बाइक भी जला दी गई थी.

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नवादा-गिरिडीह का चक्कर काटते रहे परिजन

परिजन राजकुमार साह का कहना है कि शव बरामद होने के बाद हमलोग कौआकोल थाना पहुंचे, लेकिन वहां की पुलिस ने कौआकोल का क्षेत्र नहीं होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया. परिवार के लोगों को डांट-फटकार कर भगा दिया. इसके बाद गिरिडीह की पुलिस से संपर्क किया तो उनका कहना था कि क्षेत्र पूरी तरह से नवादा जिले के कौआकोल थाना अंतर्गत पड़ता है. ऐसे में गिरिडीह पुलिस कोई सहयोग नहीं कर सकती है. बहरहाल, परिजन प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराने के लिए बिहार-झारखंड की सीमा से सटे जिलों की पुलिस के पास चक्कर काटने को विवश रहे. पुलिस ने देर रात शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल नवादा भेज दिया है. मामले की जांच की जा रही है.

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