कौआकोल.
नवादा जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से कौआकोल प्रखंड कार्यालय स्थित सभागार कक्ष में शनिवार को प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी शमा बानो की अध्यक्षता में लोक अदालत विषय को लेकर विधिक जागरूकता सह मध्यस्थता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. एलएडीसीएस के डिप्टी चीफ उमेश्वर प्रसाद व पैनल अधिवक्ता रामानुज कुमार ने शिविर का संचालन किया. शिविर में लोगों को लोक अदालत के महत्व व इससे होने वाले लाभ से संबंधित जानकारी दी गयी. डिप्टी चीफ श्री प्रसाद ने शिविर में उपस्थित लोगों से कहा कि वैसे आपराधिक वाद जो जमानतीय धारा के अंतर्गत आता है, उसे लोक अदालत के माध्यम से सुलह समझौते के आधार पर उसका निस्तारण किया जाता है. इसके लिए दोनों पक्षों का सहमत होना आवश्यक होता है. उन्होंने कहा कि न्यायालय में आपसी रजामंदी से सुलझने वाले लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए लोक अदालत एक सरल और सशक्त मंच है, जिसका फैसला अंतिम होता है. इस फैसले को कहीं भी चुनौती नहीं दी जा सकती है. इसके अलावा विद्युत, वन, खनन, उत्पाद, बैंक, बीमा, दूरभाष, मापतौल, श्रम आदि सरकारी विभागों के वादों का भी निबटारा लोक अदालत के जरिये आपसी रजामंदी से किया जा सकता है. शिविर की अध्यक्षता कर रहे बीपीआरओ शमा बानो ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुलह योग्य वादों को लेकर लोक अदालत में आये. त्वरित न्याय पाकर मानसिक तनाव व आर्थीक नुकसान से बचे. उन्होंने लोक अदालत की सुनवाई को पूरी तरह निःशुल्क बताते हुए कहा कि आगामी 13 जुलाई को नवादा व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. पक्षकार इसका लाभ लें व कोर्ट की दौड़ लगाने से छुटकारा पाएं. साथ ही उन्होंने विधिक जागरूकता शिविर में मौजूद विभिन्न जनप्रतिनिधियों व गणमान्य लोगों से लोक अदालत के प्रचार प्रसार करने की अपील करते हुए कहा कि जागरूकता से ही लोगों की समस्या का निदान संभव होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है