नारदीगंज : प्रखंड के हंडिया गांव स्थित पान की खेती ओलावृष्टि के कारण चौपट हो गयी है. पान उत्पादक किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. उन्हें लाखों रुपये मूल्य के फसल की क्षति होने का अनुमान है. इस तूफान ने खेतों से पान का बरेठा उखाड़ दिया है. कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन भी लागू है. इस अवधि में मंडी तक पान नहीं पहुंच रहा है.
एक ओर पान की बिक्री बंद है, तो दूसरी ओर प्रकृति के कहर से पान का उत्पादन बर्बाद हो गया. किसान दोहरी मार से त्रस्त है. हंडिया, पचेया का पान मगही पान के नाम से मशहूर है. जिले के अलावा, गया, वाराणसी, कोलकाता समेत अन्य इलाके में बिक्री होती है. किसान कहते हैं कि अब सरकार के भरोसे ही जिंदा है.
अगर सरकार मदद नहीं करती है, तो हमसबों को भूखे मरने की नौबत आ गयी है. इस सबंध में बीएओ अमरनाथ मिश्र कहते है, क्षतिपूर्ति का आकलन कर रिपोर्ट सरकार को भेजा जायेगा, ताकि किसानों की समस्या से निजात मिल सके.