वारिसलीगंज.
सूरज के तेवर लगातार तल्ख होते जा रहे हैं. सूरज के दहकते ही तेज धूप और गर्म हवाओं ने कर्फ्यू लगा दिया है. घरों से बाहर सड़कों पर निकलते ही तेज धूप से शरीर झुलस रहा हैं. विगत कई दिनों से तापमान में लगातार वृद्धि का सिलसिला अनवरत जारी है. तापमान बढ़ने के कारण प्रचंड धूप में आमजन के अलावा पशु-पक्षी भी बेहाल है. तेज धूप और गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन और इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. सूरज की गर्मी से आम आदमी तो परेशान हैं. अब किसानों की सब्जियों की फसलों पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है. इसके चलते खेतों में लगे सब्जियों के बचाव को लेकर किसान दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. प्रखंड के दर्जनों गांवों के किसान बड़ी मात्रा में हरी सब्जियों की खेती कर अपना जीविकोपार्जन चलाते हैं. लेकिन, पिछले कई दिनों से तेज धूप की मार से सब्जी की खेती करने वाले किसानों के पसीने छूट रहे हैं. किसानों का कहना है कि हरी सब्जियों की खेती कर अपना जीवन बसर करते हैं. परंतु लगातार मौसम की मार ने किसानों को परेशान कर रखा है. इस हालत में तेज धूप के कारण हरी सब्जियों की खेती से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. लत्तर वाले पौधे हो रहे खराब:किसानों ने बताया कि हरी मिर्च, लौकी, बैगन, करेला, भिंडी, नेनुआ आदि की खेती करते हैं. इसे समय-समय पर सिंचाई करना जरूरी होता है, ताकि फसल बेहतर होकर अच्छी पैदावार हो सके. इसके किसानों को पूरा-पूरा लाभ मिल सके. लेकिन, तेज धूप व गर्म हवाओं के कारण किसानों के खेतों में लगी हरी सब्जी खराब होती है. किसानों की कहना है कि लाख परिश्रम के बाद भी किसानों को सब्जी की खेती में सिंचाई करने में आर्थिक मार झेलने के बावजूद भी सब्जी की खेती से लाभ नहीं मिल रहा है. जबकि प्रखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती होती है. किसानों का कहना है कि तेज धूप की मार से सब्जी की खेती झुलस रही है. तेज धूप रहने एवं पानी की कमी के कारण पत्ते मुरझा कर गिर जा रहे हैं. इसके चलते हरी सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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