नवादा कार्यालय.
जिले में गर्मी व लू का सितम जारी है. पिछले कई दिनों से गर्मी व लू ने भयानक तेवर अख्तियार कर रखा है. तेज धूप व उमस भरी गर्मी ने आमलोगों की परेशानी बढ़ गयी है. शुक्रवार को अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. यह अन्य दिनों से करीब दो डिग्री अधिक रहा. जिलावासी गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते नजर आये. शनिवार को तापमान बढ़ने से जहां धूप का असर तेज रहा. उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल रहे. गर्मी की तपिश व लू की लहर से बचने के लिए लोग तरह-तरह के प्रयास कर घरों से निकलते नजर आये. इसके बाद भी लोगों को भीषण गर्मी व लू की लहर से राहत नहीं मिल पा रही है. विगत कई दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में है नवादाविगत कई दिनों से नवादा जिला मुख्यालय सहित संपूर्ण जिला चिलचिलाती भीषण गर्मी व लू की चपेट में है. रोजाना पारा आगे चढ़ रहा है. इसका असर शहर की सड़कों पर साफ दिख रहा है. दोपहर में सड़कें सूनी हो रही हैं. जिले के विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में भीषण गर्मी एवं लू की लहर की चपेट में आने वाले पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी इस चिलचिलाती गर्मी एवं लू की लहर से काफी परेशान हैं.बाजार व कारोबार पर भी पड़ रहा प्रतिकूल असर:
जिले में जारी भीषण गर्मी व लू की लहर का प्रतिकूल असर जिले के विभिन्न बाजारों व कारोबार पर भी देखने को मिल रहा है. चिलचिलाती धूप व भयानक लू की लहर की वजह से जिले के विभिन्न बाजारों में खासकर दोपहर के समय आवश्यकता रहने पर ही लोग निकल पा रहे हैं. बाजारों में लोगों की संख्या कम रहने का प्रतिकूल प्रभाव कारोबार पर भी पड़ रहा है. विवाह-शादी एवं लग्न आदि के दौर के बीच आवश्यक सामग्रियों की खरीदारी करने में लोगों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ रही है.शनिवार को अधिकतम 43 डिग्री रहा तापमान:
शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 43 डिग्री व न्यूनतम 29 डिग्री रहा. भीषण गर्मी व लू के इस दौर ने लोगों का जीना हराम कर रखा है. भीषण गर्मी व लू की लहर के बीच इससे बचाव के कृत्रिम संसाधन भी अपनी उपयोगिता को साबित करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. पंखे-कूलर भी राहत देने के बजाय आग उगल रहा है.बीमार हो रहे लोग:
लोग डायरिया, कंजक्टिवाइटिस का शिकार हो अस्पताल पहुंच रहे हैं. गर्म हवाओं के थपेड़ों से बचने के लिए हर कोई घर निकलने से पहले एहतियात बरतना नहीं भूल रहे हैं. टोपी, गमछा आदि की खरीदारी बढ़ गयी है. आम आदमी अपने स्तर पर लू से बचाव के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. लोग घर से गमछा एवं धूप का चश्मा आदि लेकर निकल रहे हैं. हालांकि, चिलचिलाती धूप के आगे यह व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही है.कहते हैं चिकित्सक:
पारा 42 से ऊपर पहुंचने पर सन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. एहतियातन लोग घर के अंदर हवादार व ठंडे स्थान पर ही रहें. यदि घर के बाहर जाना आवश्यक हो, तो बाहरी गतिविधियां सुबह व शाम के समय में ही करना सुनिश्चित करें. अत्यधिक शारीरिक श्रम वाली गतिविधियां दिन के अधिकतम तापमान वाले घंटों में करने से बचें. सफेद व हल्के रंग के पतले वस्त्रों का उपयोग करें. सिर को कसे कपड़े या टोपी से ढक कर रखें. जूते-चप्पल व नजर के काले चश्मे का प्रयोग सुनिश्चित करें. धूप में जाने से पहले भोजन व पर्याप्त पानी लें. अधिक-से-अधिक पेय पदार्थों, नॉन अल्कोहॉलिक पेय पदार्थों में शामिल नींबू-पानी, लस्सी, छांछ, जलजीरा, आम-पन्ना, दही व नारियल पानी आदि का सेवन करें. ताजा व स्वच्छ भोजन करना सुनिश्चित करें. शिशुओं, बच्चों एवं 65 वर्ष से अधिक आयु के महिला-पुरुषों को घर के अंदर रखें. बंद गाड़ी के अंदर का तापमान बाहर से अधिक होता है. इस आलोक में कभी भी किसी को पार्किंग में खड़ी बंद गाड़ी में अकेला नहीं छोड़ें. बहुत अधिक भीड़, गर्म व घुटन वाले स्थानों पर रहने से परहेज रखें. रेल व बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में अत्यावश्यक होने पर ही करें. हीट स्ट्रोक में तेज गर्मी के अहसास होने के साथ बैचेनी होती है. शरीर का तापमान 101 फारेनहाइट से 104 तक पहुंच जाता है. अधिक तापमान के कारण बेहोशी भी आ सकती है. बार-बार प्यास लगती है. चेहरा लाल एवं सिर में दर्द होने लगता है. जी मचलने के साथ उल्टियां होने लगती हैं. हीट स्ट्रोक के लक्षण पता चलने पर शरीर को ठंडा रखने का प्रयास करना चाहिए. बर्फ की पट्टियां रखनी चाहिये. कमरे के पंखे व कूलर को उपयोग में लाना चाहिये. साथ ही डॉक्टर से संपर्क कर उनसे चिकित्सीय परामर्श अवश्य लेना चाहिए.-डॉ. बीके शर्मा, पूर्व सिविल सर्जन, नवादा
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