कौआकोल़ प्रखंड क्षेत्र के भलुआही बाजार निवासियों ने बिजली व पानी की समस्या को लेकर बुधवार को एक बार फिर कौआकोल-रोह मुख्य पथ को सुबह छह बजे से नौ बजे तक जाम कर बवाल काटा. जाम के कारण उस पथ पर वाहनों का परिचालन लगभग तीन घंटों तक ठप रहा. इसके कारण लोग इस कड़ी धूप में पैदल चलने पर विवश नजर आये. इस दरम्यान ग्रामीणों ने पीएचइडी व बिजली विभाग के विरुद्ध जमकर आक्रोश जताया है. ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह की भीषण गर्मी में भी उन लोगों के समक्ष बिजली व पानी की समस्या बिकराल हो गयी है. बिजली नहीं रहने के कारण एक भी सबमर्सिबल नहीं चल पा रहा है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. भीषण गर्मी के कारण सभी चापाकल भी पूरी तरह से सूख चुके हैं. लिहाजा पानी की समस्या बिकराल हो चुकी है. सोमवार को भी बिजली और पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा सड़क जाम किया था. इसके बाद कौआकोल बिजली विभाग के जेइ द्वारा 48 घंटे के अंदर वहां 100 केवीए का ट्रांसफाॅर्मर देने व व्यवस्था में सुधार कराये जाने का आश्वासन देकर जाम को हटवाया गया था. किंतु 72 घंटे बीतने के बावजूद दिये गये आश्वासन पर किसी तरह का अमल नहीं से ग्रामीणों ने बुधवार को एक बार फिर से सड़क जाम कर दिया एवं लोगों ने भलुआही बाजार व गांव में 100 केवीए का ट्रांसफाॅर्मर लगाये जाने की मांग पर अड़े रहे. सूचना के बाद कौआकोल बिजली विभाग के जेई द्वारा वहां ट्रांसफाॅर्मर लगाये जाने का काम शुरू करवाया गया. तब जाकर ग्रामीणों ने जाम को हटाया है. इसके बाद उस पथ पर आवागमन चालू हो सका है. ग्रामीणों की शिकायत थी कि समस्या को लेकर शिकायत करने पर कोई भी अधिकारी बीडीओ, सीओ, बिजली विभाग के जेइ व एसडीओ से लेकर मुखिया, जिला परिषद सदस्य, स्थानीय विधायक तथा सांसद तक कोई कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं रहते हैं. बिजली नहीं मिलने से लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है. जल का स्तर काफी नीचे चले जाने से चापाकल भी पूरी तरह से पानी देना बंद कर दिया है. लोग पूरी तरह से सबमर्सिबल तथा बिजली पर आश्रित हो चुके हैं. ऐसे भी इस तरह की भयंकर गर्मी में बिजली नहीं मिलने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है. पानी के बिना आम लोगों के साथ पशुओं की भी हलक सूख रहे हैं. वार्डों में सात निश्चय योजना से लगाये गये नल जल योजना भी सिर्फ दिखावे की वस्तु बनी हुई है. काफी दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. बाध्य होकर ग्रामीण सड़क जाम व आंदोलन करने को विवश हो रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है