कौआकोल़
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर कौआकोल प्रखंड के नावाडीह गांव में पौधरोपण किया गया. इसके साथ पौधा संरक्षण को लेकर जागरूकता किया गया. नावाडीह गांव निवासी गोपाल प्रसाद अपनी कोचिंग संस्थान के बच्चों व ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधरोपण किया. साथ ही लोगों को भी पौधारोपण के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे हमारे अभिन्न अंग हैं. इसके बिना न तो हम जीवित रह सकते हैं और न कोई अन्य जीव जंतु ही जीवित रह सकता है. उन्होंने कहा कि आज हम जैसे इंसानो के कारण ही हमारी प्रकृति खतरे में है, हम अपनी भौतिक सुख सुविधाओं के चक्कर में प्रकृति के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. लिहाजा स्थिति इतनी भयावह हो गयी है कि इंसान को प्रकृति को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. इसलिए हर साल 28 जुलाई को प्रकृति या प्राकृतिक स्रोतों के संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है. हमें पृथ्वी की सुंदरता, स्वच्छता और उसके स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए इसके संसाधनों का ख्याल रखना जरूरी है. तभी हम भी जीवित रह सकते हैं. विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस, दुनिया भर में प्रकृति के संरक्षण के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है. यह कार्यक्रम इस बात पर जोर देता है कि एक स्थिर और स्वस्थ समाज के संरक्षण के लिए पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना कितना महत्वपूर्ण है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है