नवादा नगर.
जिले में सोमवार को हर्सोल्लास के साथ ईद-उल-अजहा (बकरीद) मनायी गयी. बकरीद की नमाज अदा करने के लिए सुबह से ही ईदगाहों व मस्जिदों के पास नमाजी पहुंचे लगे। शहर के बड़ी दरगाह, अंसार नगर, मोगलाखार, भदौनी, रसुलनगर, हाटपर, कमालपुर, इस्लाम नगर तकिया समेत जिले के ईदगाहों और मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गयी. इसके बाद एक-दूसरे से गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी. साथ ही खुशियां बांटी. बकरीद ईद के 70 दिनों के बाद मनाया जाता है. जबकि मुहर्रम बकरीद के ठीक एक माह बाद मनाया जाता है. बकरीद की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने कुर्बानी की रस्म अदा की. कुर्बानी का यह रस्म अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा. ईद-उल-अजहा के मद्देनजर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन हर जगह पर मुस्तैद हैं. जिले के सभी मस्जिदों और ईदगाहों के पास पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट और पुलिस बलों की तैनाती की गयी है. इस अवसर पर मौलाना नोमान साहब ने कहा कि अल्लाह को प्यारी है कुर्बानी. मुल्क बचाना है, तो कुर्बानी देना पड़ेगा. अपने आप को बचाना है, तो कुर्बानी देना पड़ेगा. कुर्बानी की बहुत ही अहमियत है. उन्होंने कहा कि हम आज के इस पाक मौके पर पूरे मुल्क की सलामती अल्लाह से कर रहे हैं. सब लोग अमन से रहें. एक-दूसरे के अंदर कुर्बानी का जज्बा हो. हर आदमी को एक-दूसरे के बारे में अच्छा सोचना होगा. जाति-धर्म, बिरादरी से हटकर लोगों को मुल्क की तरक्की के बारे में सोचना चाहिए. जब हमारा देश तरक्की करेगा तभी हर लोगों की तरक्की होगी. आज के दिन सूफियों ने यही संदेश दिया था कि जो बेगुनाह का कत्ल करता है. वह पूरी दुनिया के इंसानियत का कत्ल करता है. जो भी गलत काम करता है, अल्लाह उसी से सबसे ज्यादा नफरत करते हैं. दाऊद खान, नन्हू ठीकेदार ने कहा की किसी के मजहब को भला बुरा नहीं कहना चाहिए. हमेशा अपनी भलाई छोड़ सभी लोगों की भलाई के बारे में सोचना चाहिए. इस मौके पर सभी मस्जिदों और ईदगाह में जिला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे.सदर एसडीओ, सदर एसडीएम, सदर प्रखंड पदाधिकारी, सदर अंचल अधिकारी सहित नगर थानाध्यक्ष विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों के पास स्थिति का जायजा लेते रहे।
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